जान हथेली पर लेकर स्कूल में शिक्षा ग्रहण करते हैं बच्चे
जागरण संवाददाता रौनापार (आजमगढ़) विकास खंड अजमतगढ़ की ग्राम पंचायत है अलीपुर। यह गोरखप
जागरण संवाददाता, रौनापार (आजमगढ़): विकास खंड अजमतगढ़ की ग्राम पंचायत है अलीपुर। यह गोरखपुर-आजमगढ़ मुख्य मार्ग पर तहसील सगड़ी मुख्यालय से आधा किमी दूर स्थित है। यहां विगत पांच वर्षों में विकास क्षेत्र में सराहनीय कार्य हुए हैं लेकिन जनसरोकार से जुड़े बहुत से कार्य नहीं हो पाए, जिसकी आस आज भी ग्रामीणों को है।
ग्राम पंचायत अलीपुर में प्राथमिक शिक्षा के लिए विद्यालय स्थापित है किंतु इसका कायाकल्प नहीं हो सका। विद्यालय के ऊपर से गुजरा हाईटेंशन तार खतरनाक है। हाईटेंशन तार के साथ ही 400 केवी का तार भी गया है। स्कूल में बच्चे जान हथेली पर लेकर शिक्षा ग्रहण करते हैं।
विद्यालय में छात्रों के लिए शौचालय की व्यवस्था तो की गई है लेकिन पानी की आपूर्ति न होने से उपयोग नहीं हो पा रहा है। धन अवमुक्त होने के बाद भी वाटर हैंडवास सिस्टम पूरी तरह फेल है। प्रधानाचार्य आलमगीर ने बताया कि इस संबंध में कई बार अधिकारियों को अवगत कराया गया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
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साधन सहकारी समिति डिफाल्टर
खाद-बीज का संकट
कृषि प्रधान ग्राम पंचायत अलीपुर में ग्रामीणों को खाद-बीज उपलब्ध कराने के लिए दो दशक पूर्व साधन सहकारी समिति स्थापित की गई थी। जिससे काफी समय तक किसानों को सहकारिता के तहत खाद और बीज उपलब्ध हुआ करते थे। लेकिन एक दशक से समिति के डिफाल्टर हो जाने से किसान सुविधाओं से वंचित हो गए हैं।
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प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का भवन जर्जर
ग्राम पंचायत अलीपुर में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अवश्य है लेकिन भवन इतना जर्जर हो गया है कि कोई भी मरीज वहां जाना नहीं चाहता है। महकमा ने एक नया कमरा बनवाया गया है जहां मरीजों को डाक्टर दवा देते हैं। जर्जर हो गए भवन के निर्माण के लिए विभाग से दो वर्ष पूर्व सर्वे कराया गया। लेकिन अब तक नए भवन के बाबत कोई कार्रवाई नहीं हो पाई।
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आंगनबाड़ी केंद्र नहीं, सरकार की दूरगामी योजना फेल
ग्राम पंचायत अल्लीपुर में पंचायत भवन का निर्माण किया गया है। जहां प्रतिमाह ग्राम पंचायत समिति के लोग बैठकर विचार-विमर्श करते हैं। आंगनबाड़ी केंद्र अब तक नहीं बन पाया है। इस वर्ष नर्सरी से कक्षा तीन तक के छात्रों को शिक्षा देने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को शासन स्तर पर जिम्मेदारी सौंपी गई है। आंगनबाड़ी का भवन न होने से ऐसे बच्चों को समुचित शिक्षा से महरूम होना पड़ रहा है। प्राथमिक विद्यालय में ही बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। जिससे सरकार की यह दूरगामी योजना फेल नजर आ रही है।
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दो किमी सड़क मरम्मत में धनाभाव का रोड़ा
सगड़ी तहसील को दर्जनों गांव से जोड़ने वाली दो किमी सड़क अल्लीपुर गांव के मध्य से होकर निकलती है। जिसकी मरम्मत धनाभाव के चलते नहीं हो पा रही है। ग्रामीणों को तहसील मुख्यालय तक जाने में बहुत दिक्कत होती है।
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अक्सर खराब रहता है सरकारी नलकूप
अल्लीपुर गांव में सिचाई के लिए सरकारी नलकूप स्थापित है। लेकिन अक्सर खराब ही रहता है। जिससे किसानों की सिचाई बाधित होती है। ग्रामीणों ने कई बार शिकायत की लेकिन विभाग इस समस्या की तरफ तनिक भी गंभीर नहीं है।
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ग्राम पंचायत अल्लीपुर में यह विकास कार्य हुए
ग्राम पंचायत अल्लीपुर में 3,91,000 रुपये से अनुसूचित बस्ती में सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया है। 120 मीटर इंटरलाकिग एवं 100 मीटर आरसीसी रोड बनवा कर गांव में आवागमन को सुगम किया गया। पेयजल के लिए 57 इंडिया मार्का हैंडपंप तो प्रकाश के लिए 12 सौर ऊर्जा लाइट लगवाई गई। 110 शौचालय का निर्माण कराया गया तो 26 लोगों को प्रधानमंत्री आवास, 20 को विधवा पेंशन, 22 को वृद्धा एवं छह दिव्यांगजनों को पेंशन स्वीकृत हुई है। पात्र गृहस्थी से 240 परिवारों अंत्योदय कार्ड से 39 परिवारों को राशन मुहैया कराया जा रहा है। 41 लोगों को आयुष्मान योजना से लाभांवित किया गया। गांव के पांच लोगों को गोशाला योजना का लाभ मिला है। जलनिकासी के समस्या से निजात के लिए भूमिगत नाली बनने से काफी राहत मिली है।
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जनसंख्या के सापेक्ष मतदाता
-2490 कुल जनसंख्या।
-1724 कुल मतदाता।
-961 पुरुष मतदाता।
-763 महिला मतदाता।
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ग्राम पंचायत अल्लीपुर की चौहद्दी
ग्राम पंचायत अल्लीपुर के उत्तर खालिसपुर, दक्षिण संमंदपुर, पश्चिम सगड़ी और पूरब नगर पंचायत जीयनपुर स्थित है।
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बोले ग्राम पंचायत अल्लीपुर के ग्रामीण
फोटो-08-सी.।
''गांव में रोजगार के लिए हम लोग ज्यादातर सब्जी की खेती करते हैं जिससे अधिकांश लोगों की जीविका चलती है। पहले साधन सहकारी समिति से खाद-बीज उपलब्ध हो जाया करता थे। लेकिन डिफाल्टर हो जाने से किसानों को काफी परेशानी हो रही है। मुख्य सड़क की मरम्मत भी जरूरी है।
-राजेंद्र भारती।
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फोटो-09-सी.।
''भारत सरकार की उज्जवला योजना के तहत काफी लोगों को लाभ मिला है। चूल्हे के धुआं से निजात मिली है। स्वयं सहायता समूह गठित कर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की आवश्यकता बनी है। यदि समूह का गठन हो जाए तो गांव में ही महिलाओं को रोजगार मिलेगा, जिससे खुशहाली आएगी।
-पुष्पा देवी।
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फोटो-09-सी.।
''पांच वर्षों में विकास का काफी काम हुआ है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत 110 लोगों को शौचालय दिया गया है लेकिन अभी सैकड़ों लोग इस सुविधा से वंचित है। यदि सबको शौचालय मिल जाए तो गांव पूरी तरह से स्वस्थ हो जाएगा और लोग संक्रामक बीमारियों से भी बचेंगे।
-दीपक कुमार।
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वर्जन-निवर्तमान प्रधान्र
''पांच वर्ष में विकास के बहुत से काम कराए गए हैं लेकिन कुछ काम धनाभाव के चलते नहीं हो पाया। आंगनबाड़ी केंद्र की स्थापना, प्राथमिक विद्यालय से हाईटेंशन तार को हटाना, साधन सहकारी समिति को पुनर्जीवित करना, भूमिगत नाली का निर्माण, कुछ टूटी सड़क का पुनर्निर्माण, प्रकाश के लिए हर खंभे पर स्ट्रीट लाइट, गांव में 110 लोगों को शौचालय और प्रस्तावित 52 लोगों को प्रधानमंत्री आवास दिलाना शेष रह गया है। अवसर मिलने पर गांव का समग्र विकास करने का प्रयास करूंगा।
-रामसरीख यादव, निवर्तमान प्रधान।
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मास्ट हेड के लिए--
-25 दिसंबर 2020 को ग्राम पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हुआ और 26 दिसंबर को सभी ग्राम पंचायतें भंग कर दी गईं।
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-15 मई 2021 से पहले प्रदेश में ग्राम पंचायत चुनाव करा लेने के निर्देश हैं। इससे पहले बोर्ड की परीक्षाएं संपन्न हो जाएंगी।