कोरोना के पलटवार के बाद नहीं दिख रहे समाज के प्रहरी

-पहली लहर में मदद करने वालों की लगी थी लाइन -सरकार की ओर से भी बनाए गए थे क्वारंटाइन स

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 12:59 AM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 12:59 AM (IST)
कोरोना के पलटवार के बाद नहीं दिख रहे समाज के प्रहरी
कोरोना के पलटवार के बाद नहीं दिख रहे समाज के प्रहरी

-पहली लहर में मदद करने वालों की लगी थी लाइन

-सरकार की ओर से भी बनाए गए थे क्वारंटाइन सेंटर

जागरण संवाददाता, फूलपुर (आजमगढ़): कोरोना के पलटवार के बाद लोगों की मदद करने वाले समाज के प्रहरी नहीं दिखाई दे रहे हैं।होम आइसोलेशन में रहने वालों को क्या जरूरत है, बाजार बंद होने के बाद मजदूर किस तरह से रोटी खा रहे हैं, इसकी फिक्र करने वाला कोई नहीं है। पहली लहर में गांव से लेकर शहर तक भोजन का पैकेट, गरीबों के घर राशन पहुंचाने की होड़ मची थी। सरकारी इंतजाम भी काफी बेहतर थे। किसी में लक्षण दिखने पर उसे घर से बाहर रहने के लिए क्वारंटाइन सेंटर की स्थापना करके उसमें भोजन आदि का इंतजाम किया गया था। अब कौन कहां और कैसे जी रहा है, कोई पूछने वाला नहीं है।

पान, चाय, मिठाई की दुकान के साथ ही ठेला-खोमचा वालों तक का कारोबार ठप है।उनके सामने संकट बढ़ता जा रहा है।यह अलग बात है कि पंचायत चुनाव से पहले गरीबों की सुधि लेने वाले बहुत दिख रहे थे।

मजदूरी के सहारे जीवन यापन करने वाले रामआधार, बुधिराम, सुबास, चंद्रकेस, संजय, श्रीराम, मनोज, कामता, संतलाल, उमेश, सोचना, शंकर, अशोक, दशरथ आदि ने कहा कि अब तो काम भी नहीं मिल रहा है। ऐसे में घर चलाना मुश्किल हो गया है। दूसरी ओर आएदिन मौतों से भयभीत हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में दवाओं का छिड़काव तक नहीं किया जा रहा है। हालांकि, एसडीएम रावेंद्र सिंह का कहना है कि दवा का छिड़काव शुरु करा दिया गया है।किसी को कोई समस्या हो तो कंट्रोल रूम के नंबर पर फोन कर शिकायत दर्ज कराए।

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