सधे प्रहार से थमी रफ्तार, अब 1.4 फीसद संक्रमण

-डीएम ने कोरोना की चाल समझ मार्च में ही कारोबारी को दिलाया मेडिकल आक्सीजन लाइसेंस -दो मई

By JagranEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 07:20 PM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 12:35 AM (IST)
सधे प्रहार से थमी रफ्तार, अब 1.4 फीसद संक्रमण
सधे प्रहार से थमी रफ्तार, अब 1.4 फीसद संक्रमण

-डीएम ने कोरोना की चाल समझ मार्च में ही कारोबारी को दिलाया मेडिकल आक्सीजन लाइसेंस

-दो मई को पॉजिटिव की दर 24 फीसद थी, अब अस्पतालों में खाली हैं 300 से ज्यादा बेड

-इकलौते मऊ के आक्सीजन प्लांट के भरोसे जिले में मृत्यु दर की स्थिति भयावह होती जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : दो मई को 24 फीसद रही कोरोना पॉजिटिव मरीजों की रिपोर्ट, 14 दिनों में 1.4 फीसद पर सिमटकर रह गई है। स्थिति तेजी से सामान्य होने का सुबूत अस्पतालों में खाली पड़े 300 बेड के रूप में भी नजर आने लगा है। मौत का आंकड़ा भी घटकर दो-तीन पर आ पहुंचा है। मौत का कोहराम थमने और अस्पतालों में खत्म हुई बेड की मारामारी के पीछे जिलाधिकारी राजेश कुमार की सधी रणनीति है। पंचायत चुनाव बीतने के साथ ही 4.88 लाख लोगों तक पहुंच 33188 संदिग्ध लक्षण वालों के दवा-इलाज ने हालात पर काबू पाने की राह आसान कर दी।

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कोरोना की चाल समझ दिलाया मेडिकल आक्सीजन का लाइसेंस

-जिलाधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र में कोरोना की चाल जनवरी माह में देख मैं समझ गया था। जिले में पता किया तो मऊ हमारी जरूरतें पूरी करता था। उस समय जिले में इकलौता इंडस्ट्रियल प्लांट था, जिसे मेडिकल ऑक्सीजन लाइसेंस मशक्कत कर दिलाया। उसी प्लांट से रोजाना से 900 सिलेंडर की जरूरतें पूरी कर लोगों की जान बचाई जा सकी। राजकीय मेडिकल कॉलेज को अकेले लोगों की जान बचाने के लिए 700 से 800 सिलेंडर की जरूरत पड़ने लगी थी।

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4.88 लाख लोगों पहुंच बना ढूंढ़े 33188 संक्रमित

-पंचायत चुनाव बीतने के बाद 26 अप्रैल से लगातार केस बढ़ने लगे थे। एक से चार मई तक विशेष अभियान के जरिए 4.88 लाख ग्रामीणों तक पहुंच बनाई। संदिग्ध लक्षण वाले 33188 लोगों को दवाएं दी तो संक्रमण थामने की नींव पड़ गई। सरकारी, निजी अस्पतालों में 750 बेड का इंतजाम किया। पूर्व में हमारे पास सिर्फ 150 बेड उपलब्ध थे। जरूरतमंदों को अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस की संख्या 27 से 37 की तथा गांवों में निगरानी समिति के लिए ब्लाकवार चार-चार एंबुलेंस दिए। उसके बाद जिस गांव से संक्रमण की सूचना आती, वहां सैंपलिग कराते रहे। 18 हजार लोगों के नमूने लेने, दवाएं देने से हालात सामान्य हुए। हमने 53903 लोगों को दवाओं के किट फिर से दिए। 15000 लोगों को रोजाना किए जा रहे फोन

-होम आइसोलेशन में रहकर इलाज करा रहे लोगों की विशेष निगरानी रखी। उनके आक्सीजन सिलेंडर, जरूरत पर अस्पतालों में बेड इत्यादि पर ध्यान होता था। शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों के 2030 क्षेत्रों को निगरानी समिति को सौंप सेक्टर मजिस्ट्रेटों को जिम्मेदारी सौंप दी गई। कोविड कमांड कंट्रोल रूम से जरूरतमंदों को रोजाना 15 हजार फोन पहुंचने लगे। रोजाना रात आठ से दस बजे तक कार्यप्रगति लेकर जिम्मेदारी सुनिश्चित किए जाने से हम संक्रमण दर को 1.4 फीसद पर समेट पाए हैं।

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