23 को कैसे उठेगी बिटिया की डोली
-जहरीली शराब ने ली पति की जान जीने का कोई सहारा नहीं बचा -पति को खो चुकी मां कलेजा प
-जहरीली शराब ने ली पति की जान, जीने का कोई सहारा नहीं बचा
-पति को खो चुकी मां कलेजा पीट-पीटकर दे रही थीं शाप जागरण संवाददाता, पवई (आजमगढ़) : कहते हैं गरीबों की दुआएं और बददुआएं दोनों में ही बहुत ताकत होती है। रामपुर मुहल्ले में अपने पति को खो चुकी शोभावती चिल्ला-चिल्लाकर अवैध शराब के कारोबारियों एवं उन्हें बचाने वालों को शाप दे रही थीं।लाजिमी भी पीड़िता कर भी क्या सकती है? उनके ऊपर तो दुखों का पहाड़ टूटा पड़ा है।बेटी गोल्डी की बरात 23 मई को आनी थी, उससे पूर्व ही पति स्वर्ग सिधार गए।महिला को बिलखते देख गांव के लोग भी उसके साथ सुबक रहे थे।
रामपुर गांव निवासी प्रभु के पुत्र रामप्यारे के स्वजनों ने बताया कि जहरीली शराब पीने से उनकी मौत हुई है।सरकारी मशीनरी सच्चाई को स्वीकार कर गुनहगारों को सजा दिलाने की बजाए मामले पर पर्दा डालने में जुटी हुई है। ऐसे में पहले से गरीबी की मार झेल रही शोभावती करेंगी भी क्या? बताया कि उनके पति ही घर में अकेले कमाने वाले थे। अवैध शराब के कारोबारियों ने उनकी जिदगी ले ली। उनके लिए तो गृहस्थी चलाना मुश्किल हो जाएगा। वह अब बिटिया के हाथ पीले कैसे करेंगी, 23 मई को अंबेडकर नगर से बरात आने वाली है। मां को बिलखता देख गोल्डी ऐसे खामोश पड़ी थी, जैसे उसने जन्म लेकर कोई गुनाह कर दिया हो। आंसू तो उसकी आंखों से भी नहीं थम रहे थे, लेकिन वह बीच-बीच में खुद को संभालते हुए मां को चुप कराने का प्रयास कर रही थी। पास-पड़ोस के लोगों की भीड़ इकट्ठा थी, लेकिन कोई दुखों के सागर में डूबी मां को समझा पाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था।