शिवाजी भारतवर्ष की युवा पीढ़ी के गौरव
जागरण संवाददाता आजमगढ़ मुगलों के विरुद्ध भारतीय राष्ट्रवाद के मजबूत उद्घोषक और हिदू पद पादशाही के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक की 346वीं वर्षगांठ पर रैदोपुर स्थित विश्वविद्यालय अभियान के कार्यालय पर शारीरिक दूरी का पालन करते हुए संक्षिप्त समारोह का आयोजन किया गया। सबसे पहले लोगों ने उनके चित्र पर माल्यार्पण किया।
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : मुगलों के विरुद्ध भारतीय राष्ट्रवाद के मजबूत उद्घोषक और हिदू पद पादशाही के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक की 346वीं वर्षगांठ पर रैदोपुर स्थित विश्वविद्यालय अभियान के कार्यालय पर शारीरिक दूरी का पालन करते हुए संक्षिप्त समारोह का आयोजन किया गया। सबसे पहले लोगों ने उनके चित्र पर माल्यार्पण किया।
अभियान के संयोजक डा. सुजीत भूषण ने कहा कि औरंगजेब और आदिलशाह के आतताई पूर्ण शासन के विरुद्ध बिगुल फूंकने वाले शिवाजी भारतवर्ष की युवा पीढ़ी के गौरव हैं। उन्होंने मराठा सरदारों को एकजुट कर मुगलों व पुर्तगालियों को नाकों चने चबाने के लिए मजबूर किया था। चार जून 1674 को करीब पांच हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित रायगढ़ किले में उनका राज्याभिषेक किया गया, जिसके उपरांत उन्होंने छत्रपति की पदवी ग्रहण की। उनके किलों का कोई किलेदार उनका रिश्तेदार नहीं था। फ्रांस से पेपर प्रिटिग प्रेस और ईटली से तोपखाने की तकनीकी प्राप्त की। स्वदेशी उत्पादन तकनीकी का विकास किया। अरब से घोड़े मंगाने की बजाय अरबी घोड़ों की नस्ल अपने घुड़साल में ही पैदा की।
डा. भूषण ने कहा कि गांव के झगड़ों को पंच परमेश्वर द्वारा हल करने की व्यवस्था शिवाजी द्वारा की गई। वे एक प्रखर हिन्दू सम्राट के रूप में स्थापित हुए, जो अपनी महान माता जीजाबाई के सपने धर्म, धरती व गाय की रक्षा के लिए राष्ट्र का निर्माण किया। कार्यक्रम में अभिषेक राय, रमेश सोनकर, शिव बोधन उपाध्याय, अमित कुमार सिंह, बीना श्रीवास्तव दीप्ति वर्मा आदि उपस्थित रहीं।