नहरों की सफाई में दो करोड़ खर्च, फिर भी सिचाई को तरस गए किसान
जनपद में सिचाई विभाग की शारदा सहायक खंड 32 नहरों की सफाई में दो करोड़ रुपये खर्च कर दिए गए लेकिन माइनरों की सफाई नहीं हो सकी। विभाग का दावा है कि सभी नहरों की सफाई दिसंबर माह में ही करा दी गई थी। जबकि चक्रपानपुर जहानागंज समेदा तहबरपुर फरिहां आदि जगहों के माइनर वर्षों से झाड़ियों से पटे पड़े हैं।
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : जनपद में सिचाई विभाग की शारदा सहायक खंड 32 नहरों की सफाई में दो करोड़ रुपये खर्च कर दिए गए, लेकिन माइनरों की सफाई नहीं हो सकी। विभाग का दावा है कि सभी नहरों की सफाई दिसंबर माह में ही करा दी गई थी। जबकि चक्रपानपुर, जहानागंज, समेदा, तहबरपुर, फरिहां आदि जगहों के माइनर वर्षों से झाड़ियों से पटे पड़े हैं। इन दुश्वारियों के कारण नहर में पानी छोड़े जाने पर भी प्रवाह टेल तक नहीं पहुंच पाता है।
चक्रपानपुर : शारदा सहायक खंड-32 की नयनपुर शाखा की आज तक सफाई नहीं हुई है। इस शाखा से पकड़िया व कुर्बानपुर से निकलकर लठिया, खुदवल, जलालपुर, कनैला, तरछा, अनेई तथा कादीपुर होते हुए जाती है। क्षेत्र के गौरी शंकर सिंह, देवेंद्र सिंह, हरेंद्र सिंह, बाबूराम यादव, रामचेत पांडेय, सत्य प्रकाश पांडेय आदि ने नहर की सफाई कराने की मांग की है। जहानागंज : शारदा सहायक खंड-32 की माइनर माइनर क्षेत्र के बड़ौरा, लप्सीपुर, धनारबांध, रमचनपुर, अभिलाषण, भुजहीं करउत, भिखमपुर व धनहुआ से होकर गुजरी है। मानइर की सफाई न होने से पानी भी नहीं आ रहा है। क्षेत्र प्रदीप सिंह, जयप्रकाश सिंह, चंद्रिका शर्मा, अजय सिंह आदि ने सफाई कराने व पानी छोड़ने की मांग की है। फरिहा माइनर से क्षेत्र के फरिहा, असीलपुर, बनगांव, मक्खनपट्टी, परशहानंदपुर, चकिया, हुसैनाबाद, बड़ागांव, सुराही, चक्बका आदि की सिचाई होती है। महीनों बीत गए लेकिन न तो माइनर की सफाई हुई और न ही एक बूंद पानी आया।
वर्जन
जिले के नहरों की सफाई दिसंबर माह में ही करा दिया गया था। इसके बाद भी अगर कहीं माइनर छूट गया है तो उसकी जांच-पड़ताल करवाकर शीघ्र ही सफाई करवा दिया जाएगा।
अशोक कुमार सिंह, अधिशासी अभियंता, शारदा सहायक खंड-32।