शाहपुर नेवादा अब भी प्राथमिक शिक्षा व चिकित्सा सुविधा से वंचित
जागरण संवाददाता रौनापार (आजमगढ़) तहसील सगड़ी के विकास खंड अजमतगढ़ का ग्राम पंचायत शाह
जागरण संवाददाता, रौनापार (आजमगढ़): तहसील सगड़ी के विकास खंड अजमतगढ़ का ग्राम पंचायत शाहपुर नेवादा दोहरीघाट-आजमगढ़ मार्ग से मात्र डेढ़ किलोमीटर दूरी पर दक्षिण दिशा में स्थित है। मुस्लिम बाहुल्य इस गांव में मूलभूत सुविधाएं ही नदारद हैं। पांच वर्ष से गांव के लोग विकास की बाट जोह रहे हैं।
तहसील मुख्यालय से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत शाहपुर नेवादा में स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर कुछ नहीं है। महिलाओं के लिए भी कोई चिकित्सालय अब तक नहीं बन पाया है। आंगनबाड़ी केंद्र भी इस गांव में नहीं है। चुनाव के समय जूनियर हाईस्कूल पर दो बूथ बनाए जाते हैं लेकिन वहां जाने का रास्ता तक नहीं है। विभाग द्वारा कई बार सर्वे हुआ लेकिन अब तक कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं हो सकी। ग्राम पंचायत की 11 एकड़ भूमि पर नगर पंचायत जीयनपुर का कूड़ा निस्तारित करने के लिए दो वर्ष पूर्व कंपोज डंपिग सेंटर स्वीकृत किया गया। जिसके लिए लगभग 20 लाख रुपया भी छह माह पूर्व नगर पंचायत में आ चुका है। लेकिन कतिपय लोगों द्वारा भूमि पर अतिक्रमण कर लिया गया है। नतीजा योजना अधर में लटकी हुई है। अनुसूचित जाति बस्ती में लाखों रुपये की लागत से बने सामुदायिक शौचालय में अब तक बिजली का कनेक्शन नहीं लग सका। परिणाम स्वरूप वह बेकार साबित हो रहा है। धनाभाव के चलते पंचायत भवन भी अधूरा पड़ा है। मुख्य मार्ग से गांव को जोड़ने वाली सड़क पूरी तरह से गड्ढे तब्दील हो गई है।
ग्रामीणों को आशा है कि आने वाले दिनों में अधूरे विकास के कार्य पूरे होंगे, जिससे गांव में खुशहाली आएगी।
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प्राथमिक शिक्षा को भी दूसरे गांव का स्कूल सहारा
ग्राम पंचायत शाहपुर नेवादा के बच्चों को प्राथमिक शिक्षा के लिए डेढ़ से दो किलोमीटर दूर प्राथमिक विद्यालय दोलीपुर या प्राथमिक विद्यालय बागखालिस जाना पड़ता है, जिससे उन्हें काफी दिक्कत होती है।
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आंगनबाड़ी केंद्र नहीं तो कैसे पढ़ें बच्चे
नर्सरी से लेकर कक्षा तीन तक के छात्रों को पढ़ाने की जिम्मेदारी सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर डालने के लिए पूरी योजना तैयार कर ली है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को चरणबद्ध तरीके से ब्लाक मुख्यालयों पर प्रशिक्षित भी किया जा रहा है। जिससे गांव में ही छोटे बच्चों का अध्ययन सुगमता से कराया जा सके। लेकिन गांव में तो आंगनबाड़ी केंद्र है ही नहीं फिर छोटे बच्चों की पढ़ाई कहां होगी।
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ठंडे बस्ते में जच्चा-बच्चा केंद्र की स्थापना
महिलाओं के इलाज के लिए दो वर्ष पूर्व अस्पताल की ग्रामीणों ने मांग उठाई तो स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्थलीय निरीक्षण किया गया। ग्रामीणों को आश्वस्त किया गया की शीघ्र ही महिलाओं को प्राथमिक उपचार देने के लिए जच्चा-बच्चा केंद्र की स्थापना की जाएगी। लेकिन दो वर्ष बाद भी इस दिशा में कुछ भी नहीं हो पाया है।
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ग्राम पंचायत में कराए गए कार्य
ग्राम पंचायत शाहपुर नेवादा में पिछले पांच वर्षों में तीन लाख, 91 हजार रुपये की लागत से सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया। पंचायत भवन का निर्माण चल रहा है। 250 मीटर इंटरलाकिग, चकमार्ग और गांव में भव्य प्रवेश द्वार का निर्माण कराया गया। पेयजल के लिए 40 इंडिया मार्का हैंडपंप, स्वयं सहायता समूह का गठन, छह गोशालाओं का निर्माण, जूनियर हाईस्कूल का कायाकल्प, 165 लोगों को किसान सम्मान निधि, 15 विधवा और इतनी ही वृद्ध महिलाओं को पेंशन, 15 दिव्यांगजनों को पेंशन का लाभ दिलाया गया। 23 लोगों को प्रधानमंत्री आवास, छह नवविवाहिताओं को शादी अनुदान दिलाकर गांव में खुशहाली लाने का प्रयास किया गया।
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ग्राम पंचायत शाहपुर नेवादा की चौहद्दी
ग्राम पंचायत शाहपुर नेवादा के उत्तर खतीबपुर, दक्षिण बेरमा, पूरब ढोलीपुर और पश्चिम में ग्राम पंचायत धौराहरा है।
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जनसंख्या के साथ सापेक्ष मतदाता
-2460 कुल जनसंख्या।
-1621 कुल मतदाता।
-910 पुरुष मतदाता।
-711 महिला मतदाता।
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बोले ग्राम पंचायत शाहपुर नेवादा के ग्रामीण
युवाओं के लिए गांव में कुछ नहीं है। ना तो खेलकूद का मैदान है और ना ही पुस्तकालय। शासन स्तर पर भी खेलकूद के लिए युवाओं को मिलने वाला कोई किट अब तक उपलब्ध नहीं हो पाया है।
-रमेश प्रसाद।
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पिछले पांच वर्षों में विकास के काम जरूर हुए हैं। लेकिन अनुसूचित जाति बस्ती में जलनिकासी के लिए नाली का निर्माण होना अति आवश्यक है। क्योंकि बारिश के दिनों में जलजमाव हो जाता है। जिससे संक्रामक बीमारियां फैलने की आशंका प्रतिवर्ष बनी रहती है।
-प्रमोद राम।
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गांव में विकास के काम जरूर हुए हैं लेकिन महिला अस्पताल और प्राथमिक विद्यालय का होना आवश्यक है। जिससे प्राथमिक शिक्षा और प्राथमिक स्वास्थ्य की सुविधाएं लोगों को मिल सके।
-प्रभावती देवी।
निवर्तमान ग्राम प्रधान
सीमित संसाधनों से विकास के काफी कार्य कराए गए हैं। संपर्क मार्गो की मरम्मत, शौचालय में बिजली की व्यवस्था, खेलकूद की व्यवस्था, पेयजल के लिए पानी के टैंक, हर पोल पर स्ट्रीट लाइट, प्राथमिक विद्यालय और प्राथमिक चिकित्सालय का काम अभी अधूरा रह गया है। यदि अवसर मिला तो इसे अवश्य पूरा करूंगा।
-असजद आजमी, निवर्तमान ग्राम प्रधान।
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-25 दिसंबर 2020 को ग्राम पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हुआ और 26 दिसंबर को सभी ग्राम पंचायतें भंग कर दी गईं।
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-15 मई 2021 से पहले प्रदेश में ग्राम पंचायत चुनाव करा लेने के निर्देश हैं। इससे पहले बोर्ड की परीक्षाएं संपन्न हो जाएंगी।