खतरे के निशान से ऊपर पहुंचा सरयू का जलस्तर

- डिघिया नाले पर - बनबसा से छूटा सात लाख क्यूसेक पानी उफान पर नदी -बदरहुआ में भी जलधा

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 05:10 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 05:10 PM (IST)
खतरे के निशान से ऊपर पहुंचा सरयू का जलस्तर
खतरे के निशान से ऊपर पहुंचा सरयू का जलस्तर

- डिघिया नाले पर

- बनबसा से छूटा सात लाख क्यूसेक पानी, उफान पर नदी

-बदरहुआ में भी जलधारा खतरा निशान के करीब, ग्रामीण परेशान

-कई गांवों में नदी का पानी घुसने से बढ़ने लगी है लोगों की मुश्किलें जागरण संवाददाता, रौनापार (आजमगढ़) : लखीमपुर खीरी के बनवसा बैराज से दो दिनों में सात लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण सरयू नदी उफान पर है। डिघिया नाले के निकट नदी खतरा निशान से 25 सेंटीमीटर ऊपर जा पहुंची तो बदरहुआ नाले के पास खतरा निशान छूने को बेताब है। जलस्तर तेजी से बढ़ने के कारण आधा दर्जन गांवों में नदी का पानी जा घुसा है। जलधारा के उफानाने के कारण कटान का खतरा फिर से मंडराने लगा है। देवारा गांव के ग्रामीणों के रातों की नींद तो दिन का चैन छिन गया है।

बनवसा बैराज से बुधवार को साढ़े चार और गुरुवार को ढाई लाख क्यूसेक पानी छोड़ गया है। पानी के अब पहुंचने का असर नदी के बढ़ते जलस्तर के रूप में सामने आया है। डिघिया नाले के पास खतरा बिदु 70.40 के सापेक्ष जलसतर 70.65 सेंटीमीटर को छू रहा है। बदरहुआ नाले के पास खतरा बिदु 71.68 को छूने को बेताब नदी 71.52 सेंटीमीटर पर बह रही है। जलस्तर बढ़ने से खरैलिया ढाला से सोनौरा संपर्क मार्ग, बेलहिया ढाला से अजगरा मगरवी मार्ग, मानिकपुर से मानिकपुर नई बस्ती मार्ग पर नदी का पानी भर गया है। लोगों को नाव से ही जरूरी काम निपटाने पड़ रहे हैं। देवरावासी अपने सामानों को नाव पर रखकर आ जा रहे हैं। देवारा खासराजा, चक्की हाजीपुर, रोशनगंज और अचल नगर में नदी का पानी घुसने लगा है। तटवर्ती 20 गांव की लगभग 25000 आबादी जलस्तर बढ़ने से मुश्किल में हैं। बगहवा में पांच घर कटान की जद में आ गए है। मकानों के आसपास की जमीन तेजी से कटने लोगों चितित हैं। बेलहिया पुल पिछली बाढ़ में बह गया था। जिसका निर्माण अब तक नहीं हो सका है। गांगेपुर परसिया गांव भी कटान की चपेट में है। कुढ़वा रिग बंधा को घाघरा नदी पहले ही काट चुकी है। शेष बांध भी नदी की चपेट में है। किसानों की जमीन सुरक्षित करने के लिए इस बंधे को बनाया गया था, लेकिन इसे बचाने के प्रति प्रशासन गंभीर नहीं है। गांगेपुर रिग बंधे के सामने भी घाघरा नदी कटान करने से सैकड़ों आशियाने मुश्किल में पड़ सकते है।

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