सहकारी समिति के सचिव ने 5.62 लाख का किया गबन
आजमगढ़ पहुरुए सो रहे हैं और भ्रष्टाचार की जड़े मजबूत होती जा रही है। विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों को सुविधा देने के लिए केंद्र व उत्तर प्रदेश की सरकार पूरा प्रयास कर रही है लेकिन स्थानीय स्तर पर जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारी लूट-खसोट से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसे ही एक प्रकरण की पोल विभागीय जांच में खुली। साधन सहकारी समिति के प्रभारी सचिव ने विभिन्न अनियमितताओं के साथ ही पांच लाख 62 हजार 297 रुपये सरकारी धन का भी गबन किया है। प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए प्रभारी सचिव कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। निर्धारित समय पर साक्ष्य सहित स्पष्टीकरण प्रस्तुत न करने पर बर्खास्तगी जैसी कार्रवाई की जाएगी।
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : पहुरुए सो रहे हैं और भ्रष्टाचार की जड़े मजबूत होती जा रही है। विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों को सुविधा देने के लिए केंद्र व उत्तर प्रदेश की सरकार पूरा प्रयास कर रही है, लेकिन स्थानीय स्तर पर जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारी लूट-खसोट से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसे ही एक प्रकरण की पोल विभागीय जांच में खुली। साधन सहकारी समिति के प्रभारी सचिव ने विभिन्न अनियमितताओं के साथ ही पांच लाख, 62 हजार, 297 रुपये सरकारी धन का भी गबन किया है। प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए प्रभारी सचिव कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। निर्धारित समय पर साक्ष्य सहित स्पष्टीकरण प्रस्तुत न करने पर बर्खास्तगी जैसी कार्रवाई की जाएगी।
एआर कोआपरेटिव रामकिकर द्विवेदी ने बताया कि साधन सहकारी समिति लिमिटेड मेंहनगर के प्रभारी सचिव भरत यादव के खिलाफ लगे गंभीर आरोप की जांच के लिए कमेटी गठित की गई। जांच आख्या में पाया गया कि चालू वित्तीय वर्ष में गेहूं क्रय केंद्र पर फूलचंद नाम के किसान से दो किलो प्रति क्विटल की दर से गेहूं खरीद में कटौती की गई है, जो नियम विरुद्ध है। जांच अधिकारियों को वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19, 2019-20 और 2021 में उर्वरक व्यवसाय होने वाली आय की दी गई सूचना भ्रामक एवं गलत पाई गई। जांच के समय वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 की कैशबुक जांच अधिकारियों को नहीं दिखाया गया। बाउचर की फाइल भी जांच के लिए प्रस्तुत नहीं की गई। समिति के उर्वरक व्यवसाय के लिए अमानत लेकर व्यवसाय करने संबंधी कोई प्रमाण पत्र नहीं दिखाया गया। जांच में दी गई सूचना एवं जांच आख्या से स्पष्ट होता है कि विभाग को गलत सूचना देकर सहकारी समिति अधिनियम एवं नियमावली का उल्लंघन किया है। समिति के हानि में होते हुए भी बिना विभागीय अनुमति के अपना और चौकीदार का वेतन लिया गया और समिति को घाटे में डाल दिया गया। वित्तीय वर्ष 2017-18 और 2018-17 में दो मदों में व्यय दिखाकर कुल पांच लाख, 62 हजार, 297 रुपये का सरकारी राजस्व का गबन कर लिया। जांच अधिकारियों के समक्ष इसका प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत नहीं किया गया। ऐसा करने के समिति के धन का गबन किया गया।