धार्मिक स्थलों के सुंदरीकरण में जमीन के प्रस्ताव का पेच
जागरण संवाददाता आजमगढ़ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी योजनाओं में शामिल धार्मिक
जागरण संवाददाता, आजमगढ़: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी योजनाओं में शामिल धार्मिक स्थलों के सुंदरीकरण में अब जमीन के प्रस्ताव का पेच फंस गया गया। स्वीकृति के लिए भेजा गया प्रस्ताव शासन से वापस कर दिया गया है। अब संबंधित धार्मिक स्थलों की जमीन का प्रस्ताव प्रधान या नगर निकायों से बनवाकर भेजना होगा। उसके बाद ही शासन परियोजना निर्माण के लिए धनराशि की मंजूरी देगा।
मंडल के तीनों जिलों के धार्मिक स्थलों का सुंदरीकरण पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए लगभग 9.13 करोड़ रुपये का प्रस्ताव बना है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रस्तावित धार्मिक स्थलों में आजमगढ़ के विधानसभा क्षेत्र सगड़ी में ब्रह्मौली स्थित प्राचीन शिव मंदिर(बाबा पातालनाथ), गोपालपुर में शिवपुर देवारा में बुढ़ऊ बाबा का स्थान, अतरौलिया में तपसी बाबा स्थल, लालगंज में लहुआखुर्द स्थित मां पाल्हमेश्वरी धाम, मलिक सुदनी स्थित बाबा मलिक की मजार मुबारकपुर, मेंहनगर स्थित महामंडेलेश्वर स्थित शिवमंदिर, मार्टीनगंज में चितारा महमूदपुर स्थित शिव मंदिर, निजामाबाद में ऐतिहासिक गुरुद्वारा चरण पादुका साहिब और विधानसभा क्षेत्र फूलपुर-पवई में मुस्तफाबाद पांडेयपुरा अंबारी में बाबा राधा-कृष्ण स्थल शामिल हैं। बलिया जिले में ब्लाक सीयर अंतर्गत ग्राम खैरा में खैरा मठ स्थल, रसड़ा में ब्लाक नगरा के खाकी बाबा आश्रम, सिकंदरपुर में ब्लाक नवानगर के ग्राम कठौरा स्थित जंगली बाबा स्थल एवं बैरिया में खपड़िया बाबा आश्रम स्थल का सुंदरीकरण कार्य प्रस्तावित है। जबकि मऊ जिले के मधुबन में दिव्य ज्योति स्थित जटाधारी शिव मंदिर(शिव पाती), घोसी में शिव स्थल कोपागंज व सीताकुंड, मुहम्मदाबाद गोहना में ग्राम देवल स्थित बाबा स्थल (सूर्य स्थल) और उसापुर वजीरपट्टी स्थित बाबा विश्वनाथपुरी धाम शामिल हैं।
दीदारगंज विधानसभा क्षेत्र से तीन प्रस्ताव
आजमगढ़ के विधानसभा क्षेत्र दीदारगंज से तीन धार्मिक स्थलों के सुंदरीकरण का प्रस्ताव दिया गया है, जिसमें चितारा महमूदपुर स्थित शिव मंदिर के अलावा मार्टीनगंज में नहर के समीप मजार और लसड़ा स्थित बाबा आशाराम स्थल शामिल है।
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''धार्मिक स्थलों के सुंदरीकरण कार्य से संबंधित एस्टीमेट मूल्यांकन के लिए पीडब्ल्यूडी को भेजा गया था। परियोजना के संबंध में क्षेत्रीय पर्यटन विभाग गोरखपुर से प्रस्तावित कार्यों का एस्टीमेट मूल्यांकन के बाद क्षेत्रीय पर्यटन विभाग गोरखपुर प्रस्ताव शासन को भेजा गया था, लेकिन अब धार्मिक स्थलों का प्रस्ताव मांगा गया है, जिसके लिए संबंधित जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया गया है।
-एपी सिंह, परियोजना प्रबंधक, सीएंडडीएस।