विश्वविद्यालय के लिए भूमि का प्रस्ताव शासन को भेजा

--तेज हुई प्रक्रिया -मोहब्बतपुर के बाद जमालपुर काजी बेगपुर खालसा व गदनपुर हिच्छनपट्टी म

By JagranEdited By: Publish:Mon, 07 Jun 2021 12:57 AM (IST) Updated:Mon, 07 Jun 2021 12:57 AM (IST)
विश्वविद्यालय के लिए भूमि का प्रस्ताव शासन को भेजा
विश्वविद्यालय के लिए भूमि का प्रस्ताव शासन को भेजा

--तेज हुई प्रक्रिया :::::

-मोहब्बतपुर के बाद जमालपुर काजी बेगपुर खालसा व गदनपुर हिच्छनपट्टी में लोलैंड

-चंडेश्वर-कम्हरिया मार्ग पर असपालपुर आजमबांध गांव की भूमि को प्रमुखता

-मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी परियोजना को लेकर जनपदवासियों को इंतजार

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में शामिल जिले में राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए भूमि की पेंच सुलझाने पर शासन-प्रशासन जुट गया है। चार स्थानों पर चिह्नित भूमि में उपयोगी भूमि का प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है, जिसमें तहसील सदर के चंडेश्वर-कम्हरिया मार्ग पर स्थित ग्राम असपालपुर आजमबांध को प्रमुखता दी गई है। अब अंतिम निर्णय शासन को लेना है कि नई चिह्नित भूमि पर ही राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना होगी। उधर, मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी परियोजना के शुरू होने को लेकर जनपदवासियों को बेसब्री से इंतजार है।

मुख्यमंत्री ने लोकसभा चुनाव की अधिसूचना से पहले राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा की थी। चुनाव संपन्न होने के बाद तहसील सदर के ब्लाक सठियांव के मोहब्बतपुर, महलिया, दौलतपुर में 50 एकड़ भूमि चिह्नित की गई। लगभग 38 एकड़ सरकारी भूमि के अधिग्रहण के बाद शेष जमीन का बैनामा किसानों से कराया गया। शासन से कुछ धनराशि भी अवमुक्त हो गई। प्रक्रिया के दौरान ही कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग ने नदी किनारे लोलैंड बता दिया। उसके बाद उच्च शिक्षा विभाग की टीम कई बार जिले में आई और अंत में विकल्प के रूप में दूसरी भूमि चिह्नित करने का निर्णय लिया गया। निर्देश पर तहसील निजामाबाद के जमालपुर काजी बेगपुर खालसा, तहसील सगड़ी में गदनपुर हिच्छनपट्टी की भूमि शामिल है। लेकिन यह भी उपयोगी साबित नहीं हुई।

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असपालपुर आजमबांध की भूमि का परीक्षण

उपलब्ध भूमियों की परीक्षण में पाया कि ग्राम असपालपुर आजमबांध की भूमि के संबंध में पहुंच मार्ग, भूमि का प्रकार, भूमि के विवादित अथवा अविवादित होने, प्रभावित काश्तकारी एवं आवास आदि के संबंध में स्थिति पूर्णतया स्पष्ट नहीं कराई गई है। आदेश के अनुपालन में तहसीलदार सदर अनिल कुमार पाठक लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता के साथ मौके का सत्यापन किया और आख्या उपलब्ध कराई।

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उच्च शिक्षा विभाग की टीम के निरीक्षण और उसके बाद अन्य संबंधित चिह्नित भूमि का स्थालीय सत्यापन कराया गया, जिसमें असपालपुर आजमबांध की भूमि उपयोगी लगी। परीक्षण के बाद विश्वविद्यालय स्थापना के लिए मंतव्य शासन को प्रेषित कर दिया गया है।अब अंतिम निर्णय शासन हो ही लेना है।

-विजय विश्वास पंत, मंडलायुक्त।

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