प्रधानमंत्री देंगे जिले के 10 गावों के ग्रामीणों की 'घरौनी'

जागरण संवाददाता आजमगढ़ देश की आजादी के 73 साल बाद उत्तर प्रदेश के गांवों के आबादी क्षे

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Sep 2020 07:47 PM (IST) Updated:Thu, 24 Sep 2020 05:09 AM (IST)
प्रधानमंत्री देंगे जिले के 10 गावों के ग्रामीणों की 'घरौनी'
प्रधानमंत्री देंगे जिले के 10 गावों के ग्रामीणों की 'घरौनी'

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : देश की आजादी के 73 साल बाद उत्तर प्रदेश के गांवों के आबादी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को उनके मकानों का मालिकाना हक मिलेगा। केंद्र सरकार की स्वामित्व योजना के माध्यम से गांवों के आबादी क्षेत्रों की संपत्तियों का सीमांकन किया जा रहा है। प्रदेश के ग्रामीणों को उनके मकानों के मालिकाना हक का दस्तावेज दिलाने की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गांधी जयंती पर दो अक्टूबर को वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए करेंगे। जिला स्तर पर भी तैयारी तेज कर दी गई है, जिसमें दो तहसील के चयनित 10 गांवों के ग्रामीणों के मकानों का स्वामित्व प्रमाण पत्र के तौर पर ग्रामीण आवासीय अभिलेख (घरौनी) तैयार की जा रही है।

मुख्य राजस्व अधिकारी हरीशंकर ने बताया कि गावों के लोगों के पास अपने मकानों के मालिकाना हक का कोई अभिलेख नहीं होता है। संपत्तियों पर अतिक्रमण के कारण गांवों में आए दिन विवाद होते हैं। गांवों में आबादी क्षेत्र की संपत्तियों का सीमांकन करके ग्रामीणों को उनके मकानों का स्वामित्व दर्शाती 'घरौनी' मुहैया कराते हुए अप्रैल में प्रधानमंत्री ने शुभारंभ किया था। योजना के तहत ड्रोन टेक्नोलाजी के माध्यम से आबादी क्षेत्र की एरियल फोटोग्राफी कराई जा रही है। योजना के तहत प्रथम चरण में जिले की दो तहसीलों के 10 गांवों का चयन किया गया है, जिसमें अब तक दो तहसीलों के छह गांवों के 161 ग्रामीणों के स्वामित्व प्रमाण पत्र (घरौनी) पर राजस्व निरीक्षक के डिजिटल हस्ताक्षर हो चुके हैं। जिन गांवों के ग्रामीणों का स्वामित्व प्रमाण पत्र बन चुका है, उसमें तहसील सदर के कोढि़या बिदा, तिवारीपुर, दुर्गापुर एवं मैनी और तहसील निजामाबाद के ईशापुर व मौका रामगढ शामिल हैं। जबकि तहसील सदर के सुरखीपुर व भीखमपुर एवं निजामाबाद के कोतवालीपुर एवं चकमजनू गांव का स्वामित्व प्रमाण पत्र बनाया जाना शेष है, जिसे जल्द पूरा कर लिया जाएगा।

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