अनजान आत्मा की शांति को किया पिडदान
-आयोजन -राजघाट पर पितृ पूजा के बाद कार्यालय पर सामूहिक भोज -ब्राह्मणों को भोजन के
-आयोजन :::::
-राजघाट पर पितृ पूजा के बाद कार्यालय पर सामूहिक भोज
-ब्राह्मणों को भोजन के बाद दिया गया वस्त्र, बर्तन और दक्षिणा
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : अपनों के लिए तो सभी करते हैं, लेकिन दूसरों के लिए कुछ करना बड़ी बात होती है। जिसका कोई नहीं, उसका भी अपना बना भारत रक्षा दल। पितृपक्ष में हर बार की तरह संगठन ने तमसा नदी के किनारे राजघाट पर दल ने अनजान मृतकों की आत्मा की शांति के लिए सामूहिक पिडदान का आयोजन किया। यह संगठन लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार कराता है और मुखाग्नि उसके कार्यकर्ता देते हैं।
ऐसे ही मृतकों के लिए मंगलवार की सुबह नगर राजघाट पर पंडित सभाजीत पांडेय के निर्देशन में हिदू रीति-रिवाज व मंत्रोच्चार के साथ पूजा-पाठ कर पिडदान किया गया। वारिस बनकर उमेश सिंह गुड्डू, आरपी श्रीवास्तव आदि ने तर्पण और पिडदान किया। इसके बाद संगठन कार्यालय में सामूहिक भोज का आयोजन किया गया। इस दौरान लोगों ने पूजनीय आत्मा के नाम पुष्प अर्पित कर प्रसाद के रूप में भोजन ग्रहण किया। भोजन में पूड़ी, कोहड़ा-चना व परवल की सब्जी, दही और मीठी बूंदी आदि की व्यवस्था रही। 15 ब्राह्मणों के भोजन और दक्षिणा इसकी शुरुआत हुई। प्रदेश अध्यक्ष हरिकेश विक्रम श्रीवास्तव ने कहा कि भारद समाज के गरीब, शोषित वर्ग की मदद को भी हमेशा तैयार रहेगा। बताया कि कोरोना काल को देखते हुए दो वर्षों से भोज को वृहद रूप नहीं दिया गया, लेकिन विधि-विधान में कोई कसर भी नहीं छोड़ी गई।