मुख्य अभियंता की जांच में फर्जी निकली एसडीओ की फोटो
= बिजली -एसडीओ के नाम पर विभाग को बदनाम करने की साजिश का पटाक्षेप -दो साल पहले सौभाग्य
= बिजली
-एसडीओ के नाम पर विभाग को बदनाम करने की साजिश का पटाक्षेप
-दो साल पहले सौभाग्य योजना के तहत हो रहा था फूलपुर क्षेत्र में काम
-कर्मियों के लिए उपकेंद्र में भोजन बनाने और खाने की थी व्यवस्था जागरण संवाददाता, फूलपुर (आजमगढ़) : क्षेत्र के विद्युत विभाग के एसडीओ अमित पोपले के नाम पर वायरल फोटो की जांच के बाद पूरे मामले का पटाक्षेप हो गया। पड़ताल के बाद पता चला कि जो फोटो वायरल की गई है वह उनकी है ही नहीं। एसडीओ नौ फरवरी से अवकाश पर हैं और जिस फोटो को एसडीओ का बताया जा रहा है वह किसी और की है।
मुख्य अभियंता राजेश रंजन सिंह ने मामले की जांच के बाद बताया कि फोटो बहुत पुरानी है, लेकिन अमित पोपले की नहीं है। जांच के बाद उन्होंने बताया कि वर्ष 2018-19 में सौभाग्य योजना के तहत फूलपुर विद्युत उपकेंद्र से संबद्ध गांवों में विद्युतीकरण का कार्य चल रहा था। कार्य की जिम्मेदारी बजाज कंपनी को दी गई थी। काम समाप्त होने के बाद रात में कार्यदायी संस्था के कर्मचारी व अधिकारी उपकेंद्र के कमरे में भोजन बनाकर खाते थे। उसी में से किसी एक व्यक्ति की यह फोटो है।
उधर विद्युत कार्यालय पर जब जाकर पता किया गया तो अवर अभियंता निखिल शेखर सिंह ने बताया कि फोटो के साथ जिस कार्यालय को दिखाया गया है वह एसडीओ का कार्यालय ही नहीं है। नाम न छापने की शर्त पर एक संविदाकर्मी ने बताया कि पोपले से विभाग के ही एक अधिकारी नाराज हैं, क्योंकि पोपले ने उनकी पैरवी नहीं सुनी। सब मिलाकर खबर अब तक की पड़ताल में गलत निकली।