वृद्ध व बीमार लोगों को खुद रखना होगा अपना ख्याल

-मौसम -तापमान में उतार-चढ़ाव के बीच बरतनी होगी सावधानी -सुबह-शाम की ठंड और कोहर

By JagranEdited By: Publish:Wed, 24 Nov 2021 09:44 PM (IST) Updated:Wed, 24 Nov 2021 09:44 PM (IST)
वृद्ध व  बीमार लोगों को खुद रखना होगा अपना ख्याल
वृद्ध व बीमार लोगों को खुद रखना होगा अपना ख्याल

-मौसम :::

-तापमान में उतार-चढ़ाव के बीच बरतनी होगी सावधानी

-सुबह-शाम की ठंड और कोहरा करने लगा है परेशान

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : पापा सर्दी की कोई दवा रखे हैं, बाबू को खांसी नहीं छोड़ रही, आफिस से लौटिएगा, तो कोई सिरप ले लीजिएगा। यह हाल घर-घर का हो चला है।

आए दिन मौसम में बदलाव के कारण यह समस्या आने लगी है। बच्चों और युवाओं को तो ठंड का अहसास नहीं हो रहा है, लेकिन प्रभावित सभी हो रहे हैं। यही कारण है कि अब घरों में वाटर हीटर का प्रयोग होने लगा है। चिकित्सक कहते हैं कि तापमान में उतार-चढ़ाव की स्थिति ज्यादा घातक होती है। कारण कि सुबह के तापमान को देख लोग घरों से निकल जाते हैं और लौटने के समय ठंड के शिकार हो जाते हैं। ऐसे में अगर बाइक से सफर करना है, तो डिक्की में गर्म कपड़ा पैक करके निकलें और लौटते समय जरूर पहन लें।

बुधवार को पांच किमी की रफ्तार तक चली पछ़ुआ हवा ने ठंड में तड़का लगा दिया। हालांकि दिन में अच्छी धूप से थोड़ी राहत भी मिली। अधिकतम 26 व न्यूनतम 13 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकार्ड किया गया। आ‌र्द्रता अधिकतम 36 फीसद तो हवा की गति दो से पांच किमी प्रति घंटे रही।

हालांकि वाहन चालकों के लिए राहत भरी बात यह रही कि ²श्यता 11 किमी रही। फिर भी दिन डूबने के बाद दोपहिया वाहनों से यात्रा करने की हिम्मत नहीं पड़ी। तापमान में उतार-चढ़ाव के बीच उन लोगों की मुसीबत ज्यादा बढ़ गई जो रात में नौकरी करके घर लौट रहे हैं अथवा भोर में जरूरी काम से निकल रहे हैं। खतरनाक हो सकता है कोल्ड डायरिया

आजमगढ़ : वरिष्ठ चिकित्सक डा. अशोक सिंह का कहना है कि मौसम का रुख बदल रहा है। ठंड से बचाव के लिए खुद को सावधान रहना होगा। वैसे तो हर बीमारी घातक होती है, लेकिन कोल्ड डायरिया ज्यादा घातक हो सकता है। कारण कि गर्मी में लोग ज्यादा पानी पीते हैं, लेकिन जाड़े के मौसम में कम कर देते हैं।पानी का सेवन कभी भी कम न करें। ठंड के मौसम में श्वांस, हाई ब्लड प्रेशर, हर्ट रोगियों को विशेष सावधानी बरतनी होगी। बच्चों पर विशेष ध्यान देना होगा, क्योंकि छोटे बच्चों को पानी से खेलना अच्छा लगता है। बच्चों को सर्दी-जुकाम हो या दमा रोगियों की सांस ज्यादा फूलने लगे, तो बिना देरी किए डाक्टर से परामर्श लेकर दवा खाएं। इसके अलावा अगर टहलने की आदत है तो घर में ही टहलें। अगर जरूरी है बाहर निकलना तो पूरा कपड़ा पहनकर निकले। ठंडी चीजें कतई न खाएं।

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