चुप्पी साधे तमाशा देख रहे आबकारी विभाग के अधिकारी
-लाइसेंसी ठेके से बिक रही थी जहरीली शराब और सोए रहे पहरेदार -उपायुक्त भी यहीं बैठ
-लाइसेंसी ठेके से बिक रही थी जहरीली शराब और सोए रहे पहरेदार
-उपायुक्त भी यहीं बैठते हैं, इंस्पेक्टर को निलंबित कर झाड़ा पल्ला
जागरण संवाददाता, पवई (आजमगढ़) : जहरीली शराब से हुई ताबड़तोड़ मौतों के बावजूद आबकारी विभाग के अधिकारी तमाशा देख रहे हैं। एक इंस्पेक्टर और एक दिवान को निलंबित कर अफसरों ने पल्ला झाड़ लिया। जबकि जनता तक जहरीली शराब न पहुंचे इसकी जिम्मेदारी आबकारी विभाग की सरकार ने निर्धारित की है। दिलचस्प कि जिला आबकारी अधिकारी ही यहां मंडलीय अधिकारी भी बैठते हैं। सरकारी ठेके से जहरीली शराब बिकने की सच्चाई की जांच होनी ही चाहिए।
जिले में मौत का कोहराम मचने के बावजूद आबकारी विभाग की कोई हरकत देखने को नहीं मिल रही है। बीते तीन-चार दिनों में किसी तरह के ऑपरेशन की सूचना विभाग की ओर से सार्वजनिक नहीं की गई। ऐसे में लोग सवाल उठा रहे है कि आखिर आबकारी विभाग के अफसरों की जवाबदेही कौन सुनिश्चित करेगा। सरकारी ठेकों की साख ऐसे संकट में पड़ेगी तो कौन भरोसा करेगा। ऐसा नहीं कि सरकार ने निगरानी के लिए बंदोबस्त नहीं की है। जिला आबकारी अधिकारी समेत कई इंस्पेक्टर एवं भारी भरकम सिपाहियों की फौज होने के बावजूद मौत के सौदागर सफल हुए हैं। जहरीली शराब कांड में अपनों को खो चुके गरीबों के घरों से उठ रही चित्तकार से लोगों के रूह कांप जा रहे हैं। ऐसे में हर तरफ से एक ही आवाज उठ रही कि आबकारी अधिकारियों की भूमिका भी जांच होनी चाहिए।