टीबी के मरीजों को अस्पताल पहुंचने का किराया भी देगी सरकार

= नई व्यवस्था -तपेदिक के बिगड़े संक्रमण की दुश्वारियां झेल रहे 325 बीमारों को मिलेगी सुविध

By JagranEdited By: Publish:Wed, 24 Nov 2021 05:54 PM (IST) Updated:Wed, 24 Nov 2021 05:54 PM (IST)
टीबी के मरीजों को अस्पताल पहुंचने का किराया भी देगी सरकार
टीबी के मरीजों को अस्पताल पहुंचने का किराया भी देगी सरकार

= नई व्यवस्था

-तपेदिक के बिगड़े संक्रमण की दुश्वारियां झेल रहे 325 बीमारों को मिलेगी सुविधा

- असमर्थ लोगों के लिए मील का पत्थर साबित होगी योजना

- मरीज को दूरी के हिसाब से 300 से 600 रुपये तक दिए जाएंगे जागरण संवाददाता, बलरामपुर (आजमगढ़) : तपेदिक उन्मूलन में जुटी सरकार एमडीआर (मल्टी ड्रग रेसिस्टेंस) को घर से अस्पताल आने और जाने का किराया देगी। मरीज को दूरी के हिसाब से 300 रुपये से 600 रुपये तक दिए जाएंगे। दरअसल, टीबी के बहुतेरे सामान्य मरीज को मुफ्त में दवा और खानपान को धनराशि मिलने के बावजूद अस्पताल नहीं पहुंच पाते थे। ऐसे में सरकार के नए निर्णय से टीबी उन्मूलन की रणनीति मजबूती से जमीन पर उतर पाएगी।

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जनपद में 325 मरीजों को मिलेगा लाभ

सरकार की नई रणनीति से जनपद में करीब 325 मरीजों का सीधा लाभ मिल सकेगा। यात्रा भत्ता मिलने के बाद इन मरीजों का अस्पताल पहुंचना शुरू हो जाएगा। वहां इलाज होगा तो मरीज आसानी से ठीक हो सकेंगे। जनपद में एमडीआर मरीजों के इलाज को राजकीय मेडिकल एवं सुपर फैसिलिटी कालेज चक्रपानपुर में व्यवस्था है। शहर से दूर स्थित इस अस्पताल तक मरीजों की पहुंच नई व्यवस्था में आसान हो जाएगी।

एमडीआर संक्रमण क्या है

एमडीआर (मल्टी ड्रग रेसिस्टेंस) संक्रमण तपेदिक संक्रमण का बिगड़ा स्वरूप होता है। दो हफ्ते से ज्यादा लगातार खांसी, खांसी के साथ बलगम, बीच-बीच में खून आना इसका प्रमुख लक्षण होता है। इसके साथ ही मरीज को भूख कम लगाना एवं वजन में गिरावट भी बीमारी का द्योतक है। इसकी आशंका टीबी (तपेदिक) का इलाज बीच में ही छोड़ देने के बाद दुबारा संक्रमण होने पर ज्यादा गहराती है। 'एमडीआर के 325 मरीज चिन्हित हैं। टीबी संक्रमण का पूर्णतया इलाज न करने के कारण एमडीआर पीड़ितों की तादाद बढ़ी है। ऐसे मरीज दूसरों में भी टीबी का संक्रमण फैलाते हैं। ऐसे में अस्पताल आने व जाने का किराया देकर तपेदिक उन्मूलन की दिशा में सरकार का निर्णय मील का पत्थर साबित होगा। पहले से ही टीबी मरीजों का टेस्ट, दवा व खानपान का खर्च उठाया जा रहा है। योजना को जमीन पर उतारने के लिए नए सिरे से डाटा लिया जा रहा है।'

डा. परवेज, जिला क्षय रोग अधिकारी।

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