दीदीयां बनाएंगी परिषदीय स्कूलों के बच्चों का ड्रेस

जासं आजमगढ़ स्वयं सहायता समूह की दीदियों को एक और जिम्मेदारी मिल गई है। वह बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित विद्यालयों के बच्चों के ड्रेस की सिलाई करेंगी। इससे एक तरफ दीदियों का आर्थिक विकास होगा तो दूसरी ओर अपनत्व की भावना भी बच्चों में जागृत होगी। सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुधारने के प्रयास के क्रम में यह फैसला लिया है। जिले में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित 3250 विद्यालयों के बच्चों का ड्रेस बनाकर दीदियां कामयाबी की तरफ कदम बढ़ाएंगी।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 May 2020 06:50 PM (IST) Updated:Tue, 26 May 2020 05:58 AM (IST)
दीदीयां बनाएंगी परिषदीय स्कूलों के बच्चों का ड्रेस
दीदीयां बनाएंगी परिषदीय स्कूलों के बच्चों का ड्रेस

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : बेसिक शिक्षा विभाग ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुधारने के साथ ही नारी शक्तीकरण की दिशा में एक और पहल की है। परिषदीय विद्यालयों के बच्चों का ड्रेस अब स्वयं सहायता समूह की दीदीयां बनाएंगी। इससे उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी और बच्चों के प्रति अपनत्व की भावना भी जागृत होगी। दूसरी तरफ ड्रेस को लेकर हर वर्ष हो रही शिकायतें भी दूर होंगी। जिले के 377000 छात्र-छात्राओं का ड्रेस बनाकर दीदीयां कामयाबी की तरफ एक और कदम बढ़ाएंगी।

प्रभारी बीएसए अमरनाथ राय ने बताया कि जिले में परिषदीय के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में करीब 338000, राजकीय विद्यालयों में 800 व कस्तूरबा बालिका विद्यालय में 2100 छात्र-छात्राएं पढ़ती हैं। इसके लिए शासन के मापडंड के आधार पर विद्यालय प्रबंध समितियों की ओर से प्रत्येक छात्र को दो जोड़ी यूनिफार्म दिया जाना है। इस बार यूनिफार्म तैयार कराने के लिए स्वयं सहायता समूहों की स्वयंसेविकाओं को जिम्मेदारी दी जाएगी। इसके लिए कपड़ा खरीद की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। इसससे महिलाओं को उनके लक्ष्य के अनुसार वितरित कर ड्रेस सिलाई का काम कराया जाएगा। उसके बाद बेसिक शिक्षा विभाग से बजट लेकर समूहों की महिलाओं को वितरित कर दिया जाएगा। इससे स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं की आमदनी बढ़ेगी और उन्हें रोजगार भी मिलेगा।

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प्रवासियों को भी रोजगार का मौका

गैर प्रांतों से लौटे प्रवासियों को भी रोजगार देने के लिए शासन ने योजना बनाई है। यूनिफार्म तैयार करने के लिए गैर प्रांतों से आएं प्रवासी श्रमिकों जो सिलाई का कार्य जानते हैं। उन्हें इस कार्य में वरीयता दी जाएगी।

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