वन विभाग के नौ कर्मचारी बर्खास्त

आजमगढ़ : वन विभाग में 1992 में माली के पद पर हुए गलत ढंग से नियुक्त के मामले में जांच के बाद 9 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है। इस कार्रवाई से वन विभाग में हड़कंप सरीखा माहौल बना हुआ है। वहीं डीएफओ का कहना है कि कुछ कर्मचारी अभी वर्तमान समय में विभाग में कार्यरत हैं जो दोषी पाए गए हैं। शासन के निर्देश पर अन्य दोषियों के खिलाफ शख्त कार्रवाई की जाएगी।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 01 Dec 2018 10:40 PM (IST) Updated:Sat, 01 Dec 2018 10:40 PM (IST)
वन विभाग के नौ कर्मचारी बर्खास्त
वन विभाग के नौ कर्मचारी बर्खास्त

आजमगढ़ : वन विभाग में हुई नियुक्ति में गड़बड़ी के मामले में शनिवार को प्रभागीय निदेशक वानिकी (डीएफओ) सुधीर कुमार ने नौ कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया। इस कार्रवाई से वन विभाग में हड़कंप है। विभागीय सूत्रों की मानें तो कुछ कर्मचारी अभी वर्तमान समय में विभाग में कार्यरत हैं जो दोषी पाए गए हैं।

यह मामला वर्ष 1992 का है। तत्कालीन प्रभागीय निदेशक वानिकी ने माली व चौकीदार के पद पर 11 कर्मचारियों की भर्ती की थी। लगभग एक सप्ताह बाद (कंजरवेटर) वन संरक्षक द्वारा इस नियुक्ति को अयोग्य घोषित कर दिया गया। वन संरक्षक के आदेश पर डीएफओ ने इनको बर्खास्त कर दिया था। इसके बाद नौ कर्मचारी हाईकोर्ट चले गए और स्थगन आदेश ले आए। स्थगन आदेश के क्रम में फिर उन्हें बहाल कर दिया गया। ये लोग नौकरी भी करने लगे। बहाली के बाद वर्ष 1998 में रिट को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। इसके बावजूद ये विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से नौकरी में बने रहे। इसकी पोल तब खुली जब एक कर्मचारी के सेवानिवृत्त होने पर 28 मार्च 2018 को पेंशन रोकने के लिए तत्कालीन प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी प्रभाग आजमगढ़ की ओर से मुख्य कोषाधिकारी को पत्र लिखा गया। इसके बाद कर्मचारी फिर हाईकोर्ट चले गए। हाईकोर्ट ने सभी सील किए गए रिकार्ड को खोलकर जांच करने के आदेश दिए। जांच अधिकारी डीएफओ सुधीर कुमार ने सभी रिकार्डों को खंगाला और सच सामने आ गया।

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