स्मरण मात्र से मिलता है गंगा स्नान का फल
गंगा यानी मोक्षदायिनी और इसमें स्नान करने से सभी पापों का नाश हो
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : गंगा यानी मोक्षदायिनी और इसमें स्नान करने से सभी पापों का नाश हो जाता है, क्योंकि गंगा को पापनाशनी भी कहा गया है। पौराणिक कथाओं के अनुसार राजा भगीरथ के तप से गंगा का अवतरण हुआ और भगवान शिव की जटा से होते हुए पृथ्वी पर आईं। गंगा जी के इसी अवतरण दिवस को गंगा दशहरा के नाम से जाना जाता है। इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है।
उक्त बातें माता अठरही धाम के पुजारी गिरिजा शंकर पाठक ने कही। बताया कि गंगा को मोक्षयिनी कहा गया है इसलिए इस दिन स्नान के बाद पितरों को भी जल देना चाहिए। इसके बाद भीष्म और भगवान सूर्य को भी जल देना चाहिए। कहा कि जो लोग गंगा से दूर के जिलों में निवास करते हैं और गंगा तक नहीं पहुंच पाते उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है। गंगा में स्नान संभव न होने की स्थिति में घर पर ही पानी में गंगा जल मिलाकर हर-हर गंगे महादेव की जय के उच्चारण के साथ अगर स्नान करें तो गंगा स्नान का पुण्य मिल जाएगा, क्योंकि हर मां दूर रहने बेटे के प्रति भी उतना ही स्नेह रखती है, जितना पास रहने वालों के प्रति।