जीवित फिरतू को पांच साल बाद मिली जमीन

आजमगढ़ आखिकार जीवित फिरतू अग्रहरी को पांच वर्ष बाद उनकी भूमि मिल ही गई। उसी गांव के मृतक फिरतू यादव के दोनों बेटों का नाम खतौनी से खारिज कर पीड़ित का नाम दर्ज कर नकल भी जारी कर दी। दैनिक जागरण ने इस खबर को 10 अक्टूबर के अंक में पेज तीन पर बाक्स में जीवित फिरतू की भूमि मृतक फिरतू के बेटों के नाम शीर्षक से प्रकाशित किया था। खबर प्रकाशित होने के बाद तहसील प्रशासन ने संज्ञान में लिया और राजस्व कर्मियों की चूक मानते हुए 11 अक्टूबर को पीड़ित का नाम खतौनी में दर्ज कर दिया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Oct 2019 06:37 PM (IST) Updated:Thu, 17 Oct 2019 06:37 PM (IST)
जीवित फिरतू को पांच साल बाद मिली जमीन
जीवित फिरतू को पांच साल बाद मिली जमीन

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : आखिकार जीवित फिरतू अग्रहरी को पांच वर्ष बाद उनकी भूमि मिल ही गई। उसी गांव के मृतक फिरतू यादव के दोनों बेटों का नाम खतौनी से खारिज कर पीड़ित का नाम दर्ज कर नकल भी जारी कर दी। 'दैनिक जागरण' ने इस खबर को 10 अक्टूबर के अंक में पेज तीन पर बाक्स में 'जीवित फिरतू की भूमि मृतक फिरतू के बेटों के नाम' शीर्षक से प्रकाशित किया था। खबर प्रकाशित होने के बाद तहसील प्रशासन ने संज्ञान में लिया और राजस्व कर्मियों की चूक मानते हुए 11 अक्टूबर को पीड़ित का नाम खतौनी में दर्ज कर दिया।

तहसील फूलपुर के अहरौला थाना अंतर्गत समैसा गांव निवासी बुद्ध अग्रहरी पुत्र अलगू अलगू की मौत हो चुकी है। मृतक के स्थान पर गाटा संख्या 262 में लगभग 0.089 भूमि बेटे फिरतू अग्रहरी (बनिया) के नाम दर्ज की जानी थी लेकिन राजस्व कर्मियों की लापरवाही से 20 जून 2014 को उसी गांव के मृतक बुद्धू यादव के दो पुत्र पन्नेलाल व स्व. फिरतू में स्व. फिरतू यादव के दो पुत्र जयप्रकाश व लालजी के नाम दर्ज कर दिया गया। जबकि पीड़ित के दो पुत्र संजय अग्रहरी व मंजय अग्रहरी हैं। वे जब अपने खेत की नकल लेने गया तो दूसरे के नाम दर्ज भूमि देख उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। जब कहीं सुनवाई नहीं हुई तो अपर आयुक्त प्रशासन और जिलाधिकारी को शिकायती पत्र दिया।

.........

वर्जन--पीड़ित

''दैनिक जागरण' की पहल पर पांच वर्ष बाद जो न्याय मिला, उसकी जितनी भी सराहना की जाए कम है। राजस्व कर्मियों से लेकर उच्चाधिकारियों के यहां शिकायती पत्र देकर न्याय की गुहार लगाते-लगाते थक गया था लेकिन कहीं से न्याय मिलने की उम्मीद नहीं दिख रही थी।

--फिरतू, समैसा, फूलपुर, आजमगढ़।

.......

वर्जन--एसडीएम

''राजस्व कर्मियों की चूक से ऐसा हो गया होगा था। राजस्व कर्मियों से जांच कराई गई तो शिकायत सही मिली। इसके बाद उनकी रिपोर्ट पर मृतक फिरतू यादव के दोनों पुत्रों का नाम खतौनी से खारिज कर फिरतू अग्रहरी के नाम खतौनी में दर्ज कर दी गई है।

--वागीश शुक्ला, एसडीएम, तहसील फूलपुर।

chat bot
आपका साथी