कोतवाल ने विधायक को दिया धक्का, धरने पर बैठे सपाई व कांग्रेस कार्यकर्ता
जागरण संवाददाता आजमगढ़ जिलाधिकारी से मिलने पहुंचे निजामाबाद के सपा विधायक आलमवदी को
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : जिलाधिकारी से मिलने पहुंचे निजामाबाद के सपा विधायक आलमवदी को धक्का देने का कथित विवाद बुधवार को तूल पकड़ गया। वह प्रतिनिधिमंडल के साथ डीएम राजेश कुमार से मिलने कलेक्ट्रेट पहुंचे थे, जहां अभद्रता की बात कही जा रही है। सपाजनों ने हो-हल्ला मचाया तो विवाद बढ़ने पर सर्वदलीय का रूप लेने लगा। कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ प्रवीण सिंह पहुंचे तो आंदोलन को धार मिल गया। एडीएम प्रशासन व एसपी सिटी मनाने पहुंचे तो डीएम को बुलाने पर अड़े आंदोलनकारियों ने उन्हें लौटा दिया और देर शाम तक धरना-प्रदर्शन जारी रहा।
सपा के निवर्तमान जिलाध्यक्ष हवलदार यादव ने कहा कि जनपद की कुछ समस्याओं पर चर्चा के लिए डीएम से मिलने का समय लिया था और सपा विधायकों का प्रतिनिधिमंडल बुधवार की दोपहर 12 बजे कलेक्ट्रेट पहुंचा था। विधायक आलमबदी के पैर में कुछ तकलीफ होने के कारण सभी लोग रैंप से जा रहे थे, लेकिन शहर कोतवाल ने रोक दिया। यह बताने के बाद भी विधायक बुजुर्ग हैं, इसलिए सीढ़ी चढ़ने में दिक्कत है, कोतवाल ने नहीं सुनी और धक्का -मुक्की करते विधायक को धकेल दिया। इससे मन आहत हुआ है, हम लोकतांत्रिक आंदोलन के जरिये कोतवाल के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। डीएम-एसपी को बुलाने की मांग की जा रही है, जबकि एडीएम प्रशासन नरेंद्र कुमार सिंह व एसपी सिटी पंकज पांडेय धरना स्थल पर पहुंचे थे, जो स्वीकार्य नहीं है। विधायक आलमबदी ने ही डीएम को बुलाया था, उनका न आना नागवार गुजरा है। उधर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष प्रवीण सिंह ने कहा कि आलमबदी बुजुर्ग हैं, उन्हें धक्का देना उचित नहीं। मुझे जानकारी हुई तो मैंने नैतिक समर्थन दिया है। कोतवाल का कृत्य और कलेक्टर का मौके पर न आना लोकतंत्र की हत्या है। धरने पर विधायक दुर्गा प्रसाद यादव, संग्राम यादव, नफीस अहमद, एमएलसी राकेश यादव गुड्डू, पूर्व कैबिनेट मंत्री चंद्रदेव राम यादव करेली, पूर्व विधायक आदिल शेख, श्याम बहादुर यादव, सुनीता सिंह, सना परवीन इत्यादि मौजूद रहे।