घरेलू महिलाओं को जिदगी में खुशियों की 'ज्योति'
जागरण संवाददाता अमिलो (आजमगढ़) महिलाएं सशक्त होंगी तो समाज को नई दिशा दे सकेंगी। बहू
जागरण संवाददाता, अमिलो (आजमगढ़) : महिलाएं सशक्त होंगी तो समाज को नई दिशा दे सकेंगी। बहू-बेटियां चूल्हे चौके तक ही सीमित नहीं रह गई है। आज घरों की चारदीवारी से निकलकर शिक्षा, प्रशासन, राजनीति, विज्ञान, कला व साहित्य के क्षेत्र में बड़ा योगदान दे रही हैं। ज्योति शर्मा भी घरेलू महिलाओं को सिलाई-कढ़ाई का प्रशिक्षण देकर उनकी जिदगी में खुशियों की ज्योति फैला रहीं हैं।
बनारसी साड़ी विश्व विख्यात रेशमी नगरी मुबारकपुर के पुरानी बस्ती लाल कुआं की रहने वालीं ज्योति शर्मा की सास माधुरी शर्मा का स्वभाव ही कुछ अलग रहा है। कहने के लिए तो मुबारकपुर के आस-पास के क्षेत्रों में अनेक निजी व सरकारी प्रशिक्षण संस्थान हैं लेकिन मुबारकपुर में एक संस्थान ऐसा है जहां पहले माधुरी शर्मा और अब उनकी बहू ज्योति शर्मा ग्रामीण व नगर क्षेत्र की महिलाओं को प्रशिक्षण दे रही हैं। उनकी गरीबी दूर करने का यह प्रयास वर्ष 2003 में शुरू किया, जो आज भी जारी है। वह महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाकर गरीबी उन्मूलन का मार्ग प्रशस्त कर रही हैं।
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वर्जन-25-सी.।
''सास माधुरी शर्मा से प्रशिक्षण लेकर मेरे मन में भी यह विचार आया कि महिलाओं को परिवार में उचित सम्मान तब मिलेगा जब वह किसी रोजगार से जुड़ी होंगी। इस कार्य में उनका भरपूर सहयोग मिल रहा है। सेवा संस्थान से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सिलाई, बुनाई, पैटर्न कटिग, सिलाई मशीन से कढ़ाई का हुनर सिखा रही हैं। प्रति वर्ष 120 महिलाओं को प्रशिक्षण देकर रोजगार का मार्ग प्रशस्त कर रहीं हैं। -ज्योति शर्मा।