जेल की नई गाइडलाइन खाकी की बनी मुसीबत

जेल की नई गाइडलाइन को लेकर खाकी वर्दीधारियों के लिए मुसीबत बन गई है। वे जेल में दाखिला से पूर्व मुल्जिमों का कोरोना टेस्ट कराने के लिए उन्हें साथ में लेकर इधर से उधर भटकने के लिए मजबूर हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 04 Aug 2020 05:37 PM (IST) Updated:Tue, 04 Aug 2020 10:27 PM (IST)
जेल की नई गाइडलाइन  खाकी की बनी मुसीबत
जेल की नई गाइडलाइन खाकी की बनी मुसीबत

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : जेल की नई गाइडलाइन वर्दीधारियों के लिए मुसीबत बन गई है। वे जेल में मुल्जिमों का दाखिला कराने से पूर्व उनका कोरोना टेस्ट कराने को भटकने के लिए मजबूर हैं।

जिला कारागार के अस्थाई जेल में निरुद्ध बंदियों में कोरोना संक्रमितों बढ़ती संख्या के दृष्टिगत जिला कारागार प्रशासन ने बंदियों को महामारी से बचाने के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। नई व्यवस्था के तहत गिरफ्तार मुल्जिमों को जेल में दाखिल कराने से पहले उनका कोरोना टेस्ट कराना अनिवार्य है। नई व्यवस्था से पुलिस कर्मियों को अवगत करा दिया है। ऐसे में पुलिसकर्मियों को अब गिरफ्तार मुल्जिमों का कोरोना टेस्ट कराना पड़ रहा है। इसके लिए मुल्जिमों को लेकर स्वास्थ्य केंद्रों पर भटकना पड़ रहा है। जेल में कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट देखने के बाद ही एंट्री मिल पा रही है। एक थानेदार ने बताया कि उन्होंने दो दिन पूर्व मारपीट के मुकदमे में चार मुल्जिमों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। इस प्रक्रिया में विलंब होने के कारण जिला अस्पताल में पहुंचने पर बताया गया कि दोपहर दो बजे तक ही जांच की जा रही है। इस तरह की दुश्वारियां रोजाना होने से मुश्किल हो रही है।

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'दोपहर बाद कोरोना की जांच न किए जाने से परेशानी हो रही है। इस समस्या को लेकर सीएमओ से वार्ता की गई है, जल्द समाधान निकलेगा।'

-प्रो. त्रिवेणी सिंह, पुलिस अधीक्षक

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'स्वास्थ्य केंद्रों व जिला अस्पताल में कहीं दोपहर 12 बजे तो कहीं दोपहर दो बजे तक कोरोना टेस्ट किया जा रहा है। इसके बाद जो जांच के लिए आता है उसे दूसरे दिन बुलाया जाता है। स्वास्थ्य कर्मियों की सीमित संख्या होने से परेशानी हो रही है।'

-डा. एके मिश्र, मुख्य चिकित्साधिकारी

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