बालक के सीने में नौ दिनों से फंसी गोली

बरदह थाना क्षेत्र के दुबरा बाजार में सराफा व्यसायी लूटकांड में बदमाशों की गोली से घायल बालक का समुचित इलाज रुपये के अभाव में नहीं हो पा रहा है। उक्त बालक लखनऊ पीजीआई में जिदगी व मौत से जुझ रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 21 Feb 2020 06:54 PM (IST) Updated:Sat, 22 Feb 2020 06:01 AM (IST)
बालक के सीने में नौ दिनों से फंसी गोली
बालक के सीने में नौ दिनों से फंसी गोली

जागरण संवाददाता, मार्टीनगंज (आजमगढ़) : हाय रे गरीबी ..। बालक के शरीर में फंसी गोली (बुलेट) नौ दिनों बाद भी नहीं निकाली जा सकी। यह दर्द दुबरा में सर्राफा को लूटने आए बदमाशों ने दिया है। असल में बदमाश भागने के दौरान दुकानदारों से घिरने पर बचाव में गोलियां चलाईं थी, जो दस वर्षीय बालक को जा लगी थी। घटना को हुए एक-एककर नौ दिन बीत गए, लेकिन बालक की मुश्किलें कम नहीं पड़ी। ग्रामीण चंदा जुटाकर लोग प्रयास कर रहे लेकिन कोशिशें नाकाफी साबित हो रहीं।

दुबरा बाजार में 12 फरवरी को दो बाइकों पर सवार पांच बदमाशों ने सराफा की दुकान पर धावा बोलकर 42 लाख का आभूषण लूट लिए थे। बाजार के लोगों ने जब प्रतिरोध कर बदमाशों को पकड़ने की कोशिश की तो उन्होंने ताबड़तोड़ फायरिग शुरू कर दी थी। बदमाशों की गोली से दुबरा गांव निवासी घुरहू उर्फ सलीम (10) पुत्र टिल्ठू के साथ ही पांच अन्य लोगों को लगी थी। गोली लगने से घायल उक्त बालक को परिजन वाराणसी के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया था। दो दिनों तक उसका इलाज वाराणसी में चला। हालत बिगड़ते देख ट्रामा सेंटर से उसे लखनऊ पीजीआई रेफर कर दिया गया। परिवार के लोग उसे पीजीआइ में भर्ती कराये। इलाज कर रहे डाक्टर ने गोली निकालने के लिए आपरेशन करने का उपाय सुझाया। यह भी कहा कि इसमें एक लाख रुपये का खर्च लगेंगे। परिवारिजन की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने से रुपये के अभाव में उक्त बालक का आपरेशन व इलाज नहीं हो पा रहा है। दुबरा के ग्राम प्रधान बिदु राम विद ने बताया कि जिलाधिकारी एनपी सिंह ने इलाज के लिए प्रशासन की ओर से 25 हजार रुपये दिए थे। उसके बाद से लोगों ने चंदा लगाकर 20 हजार रुपये जुटाए। उसके बाद भी 50 हजार से अधिक रुपये की आवश्यकता है।

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