बारिश ने गंगा दशहरा के उत्साह पर फेरा पानी
= निराशा - एक दिन पहले नहीं हो सकी जुटान दर्शन-पूजन के लिए नहीं करनी पड़ी धक्का-मुक्क
= निराशा
- एक दिन पहले नहीं हो सकी जुटान, दर्शन-पूजन के लिए नहीं करनी पड़ी धक्का-मुक्की
-भैरव सरोवर में डुबकी लगाने वालों की संख्या रही सीमित
-धाम पर दुकान लगाने वालों को भी निराशा, उम्मीद कायम जागरण संवाददाता, महराजगंज (आजमगढ़) : हर साल जहां सूरज की किरणें निकलने के साथ बाबा भैरव नाथ के दर्शन-पूजन के लिए धक्का-मुक्की शुरू हो जाती थी, वहीं इस बार भगवान इंद्र ने भक्तों के उत्साह पर पानी फेर दिया। भैरव सरोवर में डुबकी लगाने वालों की संख्या काफी सीमित हो गई। मेला क्षेत्र में दुकान लगाने वालों को भी निराशा का सामना करना पड़ा। फिर भी दुकानदारों को उम्मीद रही कि आगे के पांच दिन अच्छी कमाई होगीे। शनिवार की सुबह से ही लगातार हो रही बारिश के चलते रविवार को भैरव धाम में प्रारंभ हुए गंगा दशहरा मेले में श्रद्धालुओं का आगमन नाम मात्र के बराबर रह गया। आमतौर पर गंगा दशहरा मेले में दूरदराज से आने वाले भक्तों की भीड़ के चलते कस्बे से लेकर धाम तक जाम की स्थिति बनी रहती थी। परिसर में चारों तरफ भीड़ ही भीड़ नजर आती थी। कोरोना संक्रमण के दौर से उबर रहे व्यवसायियों को मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को लेकर काफी उम्मीद जगी थी, कितु इंद्र ने पानी फेर दिया। बारिश के चलते बहुत कम संख्या में श्रद्धालु दर्शन व स्नान के लिए पहुंचे। दर्शनार्थियों की भीड़ न होने के कारण परिसर में लगे कई प्रकार के झूले व छोटे-मोटे सर्कस बंद ही पड़े रहे। ग्राहकों के इंतजार में दुकान सजाकर बैठे व्यवसायी निराश नजर आए। सुबह 10 बजे बारिश बंद होने के बाद भी भीड़ नहीं आई।