पंचायत चुनाव है तो क्या हम मजमा लगाए हैं!
- ब्लाक मुख्यालयों पर कार्मिकों को मतदान सामग्री लेते समय शारीरिक दूरी का ध्यान नहीं -वैश्विक
- ब्लाक मुख्यालयों पर कार्मिकों को मतदान सामग्री लेते समय शारीरिक दूरी का ध्यान नहीं
-वैश्विक महामारी की दूसरी लहर ने पिछले एक साल का तोड़ दिए सारे रिकार्ड
-अधिकारी, कर्मचारी व काफी संख्या में पब्लिक भी अ²श्य बीमारी की गिरफ्त में जागरण संवाददाता, आजमगढ़: कोरोना कहर ढाए है, बस जहां देखिए वहीं मजमा लगाए हैं। वैश्विक महामारी की दूसरी लहर ने पिछले एक साल का रिकार्ड तोड़ दिया है। पिछले 17 दिनों में जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 2000 के पास पहुंच गई है। जिले में गैर जिलों के मरीजों की ही मौत हुई हो लेकिन अधिकारी, कर्मचारी और काफी संख्या में पब्लिक भी संक्रमित होती जा रही है। बावजूद इसके लोग लापरवाही से बाज नहीं आ रहे हैं।
आमजन की बात तो दूर रविवार को ब्लाक मुख्यालयों पर कोविड-19 प्रोटोकाल के सभी आदेश हवाहवाई साबित हुए। काउंटर से लेकर दीवारों पर चस्पा सूची देखने सहित मतदान सामग्री मिलान के समय कहीं भी शारीरिक दूरी का पालन होते नहीं दिखा। जहां दिखा वहीं लोग मजमा लगाए थे। यह तो मतदान कार्मिकों की बात तो अलग रही लेकिन आमजन अब भी हम नहीं चेते तो हालात संभाले नहीं संभलेंगे।
कोरोना काल के पहले दौर में मार्च 2020 से फरवरी 2021 तक 6425 संक्रमित मरीज मिले थे। यही नहीं, पिछले वर्ष अप्रैल में मात्र आठ पॉजिटिव केस थे, जबकि इस बार मार्च में 192 और 18 अप्रैल तक 1923 संक्रमित मरीज हो गए हैं। लापरवाही का आलम यह है कि अब तो प्रति दिन दोहरा शतक से ऊपर आंकड़ा पहुंच जा रहा है। इस भयावह हालात के बावजूद हम सतर्क नहीं हो रहे। सड़क से लेकर बाजार तक कोविड-19 से बचाव के सारे नियम टूट गए हैं। संक्रमण के लिहाज से सबसे अधिक संवेदनशील स्थान जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज और ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पताल और कुछ सरकारी दफ्तरों में भी कोविड-19 प्रोटोकाल अनुपालन नहीं हो रहा।