सरकार के पास वेतन नहीं तो दे सम्मानजनक मानदेय
-भरी हुंकार - शिक्षकों का जेडी कार्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन - नियमावली के अनुसार
-भरी हुंकार ::::
- शिक्षकों का जेडी कार्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन
- नियमावली के अनुसार नहीं मिला मानदेय तो घेरेंगे विधानसभा -छह माह के लिए लागू वित्तविहीन व्यवस्था 34 वर्ष बाद भी है कायम
जागरण संवाददाता, आजमगढ़: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (वित्तविहीन) के पदाधिकारियों ने विभिन्न मांगों को लेकर संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय के समक्ष मंडल अध्यक्ष कैलाशनाथ सिंह की अध्यक्षता में एक दिवसीय धरना दिया। कहाकि यदि सरकार दिसंबर तक हमारी सेवा नियमावली के अनुसार मानदेय नहीं देती है तो हम विधानसभा घेरने को बाध्य होंगे। क्योंकि हम रोजी पाकर भी रोटी के लिए मोहताज हैं। सरकार को संविधान के अनुसार समानता का समान वेतन देना चाहिए। यदि नहीं दे पा रही है तो सम्मानजन मानदेय दे।
मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन में शिक्षकों का कहना था कि उत्तर प्रदेश सरकार उनकी मुख्य मांगों की अनदेखी कर रही है। जिससे शिक्षकों का आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। मंडल अध्यक्ष ने कहाकि 1986 में वित्तविहीन व्यवस्था मात्र छह माह के लिए लागू की गई थी, जो आज 34 वर्ष बाद भी कायम है। पिछली सरकार में दिए गए मानदेय को वर्तमान सरकार ने बंद कर दिया है, जिससे शिक्षकों की स्थिति दयनीय हो गई है। विशिष्ट अतिथि अजय यादव 'लहरी' ने कहाकि शिक्षकों की स्थिति मनरेगा मजूदरों से भी खराब हो गई है। कहा कि प्रदेश सरकार में स्कूलों में पढ़ाने वाले साढ़े तीन लाख शिक्षक भूखों सो रहे हैं। जिलाध्यक्ष अनुराग ने कहा कि सरकार मांगों को नहीं मानती है तो विधानसभा घेरने को बाध्य होंगे। संचालन जिला मंत्री रणजीत राय ने किया। रामदरस यादव, रविद्र सिंह, रामसोच यादव, जेपी यादव, अंजनी सिंह, सुरेश यादव, श्यामलाल यादव, लक्ष्मण गुप्ता आदि थे।