प्रशासन की जागी संवेदना पर असहाय

-प्रकृति का कहर -अतिवृष्टि के बाद चौथे दिन भी स्थित नहीं हुई सामान निचले इलाकों की 50

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 05:39 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 05:39 PM (IST)
प्रशासन की जागी संवेदना पर असहाय
प्रशासन की जागी संवेदना पर असहाय

-प्रकृति का कहर ::::

-अतिवृष्टि के बाद चौथे दिन भी स्थित नहीं हुई सामान, निचले इलाकों की 50 हजार आबादी प्रभावित

-एसडीए सदर ने बागेश्वर नगर से लेकर रामघाट तक किया निरीक्षण

-प्रभावित लोगों की सुनी पीड़ा पर नालों पर अतिक्रमण से स्तब्ध

जागरण संवाददाता, आजमगढ़: अतिवृष्टि से त्राहि-त्राहि कर रही जनता की सुधि लेने आखिरकार जिला प्रशासन की संवेदना जागी। वह भी जब कि निचले इलाकों की लगभग 50 हजार आबादी के कुछ प्रबुद्धजन व युवाओं ने आवाज बुलंद की और सड़क पर उतर आए। एसडीए सदर वागीश कुमार शुक्ला ने पानी से घिरे कई मोहल्लों का निरीक्षण किया लेकिन फौरीतौर पर जलनिकासी की व्यवस्था करने में असहाय दिखे। नालों पर किए गए अतिक्रमण के पास जाकर प्रशासन का पहिया जाम हो गया।

शहर के बागेश्वर नगर से लेकर बड़ा गणेश मंदिर के समीप रामघाट तक मिनी बाईपास को लगभग दो दर्जन स्थानों पर अपनी सुविधा के लिए लोगों ने काटकर संपर्क मार्ग बना दिया है। हालांकि, कभी गोदामघाट से होते हुए बिट्ठलघाट, गुरुरटोला गुरुघाट, रामघाट होते हुए बागेश्वर नगर(बवाली मोड़) के समीप से होकर तमसा नदी बहती थी। समय के साथ धारा बदली तो गोदामघाट से गुरुघाट, रामघाट होते हुए बागेश्वर नगर तक धारा बदल गई। समय के साथ आबादी बढ़ी तो बहुमंजिला मकान बन गए। वर्तमान में हालात यह हो गए हैं नदी के स्थान पर नाला बना, उस पर भी अतिक्रमण कर लिया गया। अब नए उपजे हालात से उबरने के लिए प्रशासन को मशक्कत करनी पड़ रही है। एसडीएम ने अधिशासी अधिकारी नगर पालिका विकास कुमार को निर्देश दिए कि जहां-जहां अतिक्रमण कर या फिर रास्ता बनाकर नालों को अवरुद्ध किया गया है, उसे जेसीबी लगाकर खोदवा दिया जाए।

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