कर्बला का वाकया सुन कर आखों से छलक पड़े आंसू

-परंपरा -जगह-जगह हुई मजलिस और निकाले गए जुलूस -शहर में अलग-अलग स्थानों से अखाड़े नि

By JagranEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 06:17 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 06:17 PM (IST)
कर्बला का वाकया सुन कर आखों से छलक पड़े आंसू
कर्बला का वाकया सुन कर आखों से छलक पड़े आंसू

-परंपरा ::::

-जगह-जगह हुई मजलिस और निकाले गए जुलूस

-शहर में अलग-अलग स्थानों से अखाड़े निकाले गए

जागरण टीम, आजमगढ़: शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में शिया और सुन्नी समाज ने अपने-अपने तरीके से चेहल्लुम मनाया।कहीं जुलूस निकाले गए, तो कहीं मजलिस का आयोजन किया गया।शहर में सुन्नी समाज की ओर से अलग-अलग स्थानों से चार अखाड़े निकाले गए। अखाड़ों के साथ चल रहे कलाकारों ने प्राचीन युद्ध कला का प्रदर्शन किया।

देर शाम सभी अखाड़े मुख्य चौक पहुंचे जहां कलाकारों के बीच मुकाबला हुआ।जामा मस्जिद से चलकर अखाड़ा कटरा पहुंचा जहां से कटरे का अखाड़ा साथ चला। वहीं पहाड़पुर और कोट मोहल्ले का अखाड़ा निकाला गया। विभिन्न मार्गों से होते हुए कला का प्रदर्शन करते सभी अखाड़े चौक पहुंचे।

सरायमीर : क्षेत्र के पुरंदरपुर, ओस्ती, लडुवावर, कस्बा फतेहपुर, ओहदपुर, बेलहरी इमाम अली, खपड़ागांव, रंगडीह, खासडीह, निकामुद्दीनपुर, बिजहर मैनुद्दीनपुर में मजलिस का आयोजन किया गया।अंजुमनों ने नौहा, मातम कर शहीदों को खेराजे अकीदत पेश किया, तो मौलानाओं ने कर्बला का वाकयात सुनाया तो लोगों की आंखों से आंसू छलक पड़े। रसूलपुर में मौलाना मोहम्मद तकी नज्मी ने कहा कि हजरत इमाम हुसैन का इंसानों के दिलों पर राज है।बेलहरी इमाम अली मौलाना सैय्यद कमर अब्बास ने कहा कि चेहल्लुम का दिन हजरत जैनब और जैनुल आब्दीन के कर्बला पहुंचने का दिन है।

निजामाबाद : निजामाबाद, शिवली, मिट्ठनपुर, शेखपुरा हुसाम, फत्तनपुर आदि गांवों में जुलूस निकला जो विभिन्न इमामबारगाह से होता हुए पुन: उसी इमाम बारगाह में समाप्त हुआ।बच्चे, बुजुर्ग, नौनौजवान ने शहीदे कर्बला को पुरसा पेश किया। कमा, जंजीर का मातम किया गया।

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