धर्म रक्षा के लिए शहीद हुए थे गुरु तेग बहादुर

-आयोजन -शहीदी दिवस पर गुरुद्वारों में किया गया पाठ व अरदास -निजामाबाद में कड़ाह प्रसाद के

By JagranEdited By: Publish:Thu, 09 Dec 2021 05:58 PM (IST) Updated:Thu, 09 Dec 2021 05:58 PM (IST)
धर्म रक्षा के लिए शहीद हुए थे गुरु तेग बहादुर
धर्म रक्षा के लिए शहीद हुए थे गुरु तेग बहादुर

-आयोजन:::

-शहीदी दिवस पर गुरुद्वारों में किया गया पाठ व अरदास

-निजामाबाद में कड़ाह प्रसाद के बाद लंगर का आयोजन

जागरण संवाददाता, निजामाबाद (आजमगढ़): निजामाबाद कस्बा स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारा चरण पादुका साहिब दरबार में गुरु तेग बहादुर का शहीदी दिवस श्रद्धापूर्वक मनाया गया। दरबार साहिब में मार्बल की पालकी में गुरु ग्रंथ साहिब को स्थापित कर साज-सज्जा करने के बाद पांचों वाणियों व सुखमणि साहिब का पाठ किया गया। ग्रंथी जगदीश सिंह ने बताया कि धर्म की रक्षा के लिए गुरु महाराज ने गुरु का ताल आगरा में अपनी गिरफ्तारी देने के बाद शीशगंज गुरुद्वारा में अपने शीश कटाकर अपने प्राणों की आहुति दे दी थी।

कार्यक्रम के दौरान निशान साहिब के चोले बदले गए व गुरु नानक घाट पर भी अरदास किया गया। कड़ाह प्रसाद के वितरण के बाद लंगर का आयोजन किया गया, जिसमें सभी लोगों ने साथ में पांत में बैठकर प्रसाद ग्रहण किया।

सुबह से ही संगतों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था।ग्रंथी ने कहा कि इस स्थान का सौभाग्य है कि यहां पर गुरु महाराज के चरण पड़े और उन्होंने अकाल बुंगा साहिब में 21 दिन रहकर तप किया। आज भी गुरु महाराज की चरण पादुका रखी हुई है, जिसे स्थानीय संगतो के निवेदन पर यहां से जाते समय गुरु महाराज दे गए थे। इस अवसर पर अशोक सोनी, विशाल सोनी, गुरप्रीत सिंह, रमनदीप सिंह, अजय सिंह, राजविदर सिंह, आफताब आलम, रानू गौड़, चरणदीप सिंह, सूर्यभान मौर्या, अमरदीप गौड़, कृपा उपाध्याय, बैजनाथ प्रजापति, मोनू श्रीवास्तव, अमित गुप्ता आदि उपस्थित थे।

इसी क्रम में गुरुद्वारा गुरुनानक दरबार बिट्ठलघाट में भी भजन-कीर्तन और अरदास किया गया। लोगों ने गुरु दरबार में हाजिरी लगाकर आशीर्वाद प्राप्त किया।

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