सरकार बेलहिया घाट पर बनाएं पुल, थमेगा हादसों का दौर
जागरण संवाददाता रौनापार (आजमगढ़) देवारा क्षेत्र के एक दर्जन गांवों की लगभग 20000 की आब
जागरण संवाददाता, रौनापार (आजमगढ़) : देवारा क्षेत्र के एक दर्जन गांवों की लगभग 20,000 की आबादी के आवागमन के लिए 2004 में प्रदेश सरकार के तत्कालीन मंत्री रहे रामप्यारे सिंह द्वारा बेलहिया में पुल बनवाया गया था। एक दशक के बाद ही यह पुल काफी जर्जर हो गया। इसकी मरम्मत की मांग को लेकर बाढ़ समिति सगड़ी द्वारा धरना-प्रदर्शन भी किया गया। लोगों द्वारा शासन और प्रशासन स्तर पर भी पुल की मरम्मत की मांग की गई, लेकिन मांगों को बार-बार अनसुना कर दिया गया। इसका नतीजा यह रहा कि 2020 में नदी की तेज धारा में बेलहिया का पुल पूरी तरह से बह गया।
पुल के बह जाने से 10 गावों की लगभग 20,000 की आबादी का आना-जाना नाव से शुरु हो गया।बेलहिया में नदी काफी संकरी है।इस नाते नदी का वेग भी बहुत तेज रहता है, जिसके चलते साल दर साल नाव डूबने की घटनाएं होती रहती हैं। हो-हल्ला मचता है,प्रशासन के लोग पहुंचते हैं, वादे करते हैं, लेकिन स्थिति ज्यों की त्यों हो रह जाती है। 2012 में प्रदेश सरकार के मंत्री रहे शिवपाल यादव ने बांध का निरीक्षण किया था, बेलहिया ढाला, सोनौरा, रोशनगंज, इस्माइलपुर सहित 10 जगहों पर छोटे-छोटे पुल बनाने की स्वीकृति दी थी। कम्हरियाघाट से नदी की धारा मोड़ने का भी आश्वासन दिया था। सरकार जाने के बाद पूरी योजना धरी की धरी रह गई। न पुलिया बनी, न ही नदी का डायवर्जन हो सका। नतीजा यह है कि देवारा के लोगों को नाव पलटने जैसी दुर्घटनाओं को आए दिन झेलना पड़ता है।