कोरोना के लक्षण दिखे तो गर्भवती लगाएं चक्कर
जागरण संवाददाता आजमगढ़ कोरोना को लेकर हर कोई भयभीत है। किसी को खांसी भी आ रही
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : कोरोना को लेकर हर कोई भयभीत है। किसी को खांसी भी आ रही है तो चिकित्सक कोरोना की जांच कराने की सलाह दे रहे हैं लेकिन महापंडित राहुल सांकृत्यायन के नाम पर बने जिला महिला चिकित्सालय में कोरोना की जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं हो सकी। यहां आने वाली गर्भवती को कोरोना की जांच के लिए मंडलीय जिला चिकित्सालय भेजा जाता है।
यानी गर्भवती को भी यहां से वहां का चक्कर काटना पड़ रहा है। कोरोना काल (मार्च से जुलाई तक) महिला अस्पताल में कुल 35220 मरीज देखे गए जिसमें 1801 का प्रसव कराया गया। सामान्य 1411 एवं आपरेशन द्वारा 390 महिलाओं ने बच्चे को जन्म दिया। जिन महिलाओं में थोड़ा भी लक्षण दिखा उन्हें कोरोना की जांच के लिए मंडलीय जिला चिकित्सालय भेजा गया। अस्पताल प्रशासन तो प्रयास में लगा है कि यहां जांच की व्यवस्था हो जाए लेकिन इसके लिए किस स्तर तक प्रयास किया गया, यह बताने वाला कोई नहीं है। यही नहीं आरटीआइ के तहत मांगी गई सूचना में जो जवाब आया है वह भी हैरत कर देने वाला है। यहां अल्ट्रासोनोग्राफी एवं गर्भवती महिलाओं की खून, पेशाब आदि की जॉच की व्यवस्था है तो है लेकिन जरूरत पड़ने पर सीटी स्कैन एवं अन्य उच्च स्तरीय जॉच की व्यवस्था अभी उपलब्ध नहीं है। जरूरत पड़ने पर महिलाओं को निजी पैथॉलाजी का सहारा लेना पड़ता है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मंजुला सिंह ने बताया कि चिकित्सालय में कोरोना जांच की व्यवस्था अभी तक नहीं हो सकी है। प्रयास जरूर किया जा रहा है। प्रारंभिक स्तर पर चिकित्सालय में आने वाले मरीजों की कोरोना जांच के लिए थर्मल स्कैनिग की व्यवस्था की गई है।