बलहीन आबकारी, फल-फूल रहे शराब के अवैध कारोबारी
अव्यवस्था -पवई दीदारगंज के बाद बरदह क्षेत्र में शराब की फैक्ट्री पकड़े जाने से अफसरों पर
अव्यवस्था
-पवई, दीदारगंज के बाद बरदह क्षेत्र में शराब की फैक्ट्री पकड़े जाने से अफसरों पर उठे सवाल
-मंडल में बगैर निरीक्षकों के प्रवर्तन दल का संचालन
- अब भी छह इंस्पेक्टर, 53 सिपाहियों के पद रिक्त जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : फोर्स के अभाव में आबकारी विभाग बलहीन हो गया है। इस कारण शराब के अवैध कारोबारियों का कारोबार फलफूल रहा है। पवई, दीदारंज में जहरीली शराब से हुई आठ मौतों को लोग ठीक से भूल भी नहीं पाए कि बरदह में देशी और अंग्रेजी शराब की बड़ी फैक्ट्री के संचालन का सामने आया सनसनीखेज मामला इसका सुबूत है। छापेमारी के दौरान जो नजारा देखने को मिला, उससे जाहिर है कि अवैध कारोबार की जड़ें चरमराई जरूर हैं, लेकिन उनका नेटवर्क अब भी कमजोर नहीं पड़ा है। महकमे के पास 13 इंस्पेक्टर व 53 सिपाहियों की कमी है। ऐसे में मुखबिर की मदद से निगरानी एजेंसियां जरूर गाहे-बेगाहे आपरेशन कर अपना पीठ थपथपा लेती हैं।
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एक इंस्पेक्टर के सहारे तीन जिलों का प्रवर्तन दल
शराब के अवैध कारोबार पर निगरानी के लिए आबकारी विभाग ने प्रर्वतन दल का गठन किया है। मंडल के तीन जिलों आजमगढ़, मऊ व बलिया के लिए दो प्रवर्तन दलों में कुल चार-चार की संख्या मुताबिक आठ इंस्पेक्टर होने चाहिए। यहां सात की कुर्सी रिक्त होने से इकलौते इंस्पेक्टर के सहारे व्यवस्था चल रही है। इस हालात में एक इंस्पेक्टर शराब के अवैध कारोबारियों की किस हद तक नकेल कस पाएगा कि इसका सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है।
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बलिया, मऊ, आजमगढ़ के सात सर्किल राम भरोसे
गावों तक में निगरानी के लिए आबकारी विभाग में सर्किल का गठन किया गया है। प्रत्येक सर्किल में एक आबकारी निरीक्षक व सिपाहियों की तैनाती का प्रावधान है। मंडल के आजमगढ़ में आठ, बलिया छह और मऊ जिले में चार सर्किल हैं। इनमें आजमगढ़ के तीन संवेदनशील सर्किल निजामाबाद, मेंहनगर, लालगंज और बलिया के तीन सर्किल बगैर इंस्पेक्टर के चल रही है।
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बरदह में शराब फैक्ट्री के अवैध संचालन का इनपुट हमारे पास भी था। पुलिस ने आपरेशन किया तो हमारी टीम भी वहां पहुंची थी। प्रवर्तन का काम फोर्स के अभाव में कमजोर पड़ा है। शासन को डिमांड भेजा हूं, जल्द ही रिक्तियां भरने की संभावना है। उसके बाद हम और मजबूती से काम करेंगे।'
एलबी मिश्रा, उप आबकारी आयुक्त।