खाद-बीच खरीद पर कैशमेमो जरूर लें किसान
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : निजी क्षेत्रों से कृषि निवेश यथा उर्वरक, बीज एवं कृषि रक्षा रसा
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : निजी क्षेत्रों से कृषि निवेश यथा उर्वरक, बीज एवं कृषि रक्षा रसायन क्रय करते समय कैशमेमो अवश्य लेना चाहिए। इससे कृषि निवेशों की गुणवत्ता सुनिश्चित रहती है और विक्रेता की जवाबदेही भी तय होती है।
वर्तमान में किसान निजी क्षेत्रों के व्यवसाइयों से भी बीज क्रय कर रहे हैं। इन परिस्थितियों में निजी विक्रेताओं से कैशमेमो अवश्य लें। कैशमेमो में बिक्री से संबंधित समस्त विवरण व मूल्य अंकित होना चाहिए। इससे बाद में बीज की शिकायत होने पर विक्रेता के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जा सकती है। उन्होंने बताया कि कृषि विभाग द्वारा सभी राजकीय कृषि बीज भंडारों पर पर्याप्त मात्रा में मोटा धान, मध्यम महीन एवं महीन धान की उपलब्धता सुनिश्चित करा दी गई है। धान की प्रत्येक प्रजातियों पर मूल्य का 50 फीसद अनुदान देय है। मोटा एवं मध्यम महीन धान का विक्रय दर 33 रुपये प्रति किलो, महीन धान का बिक्री दर 33.80 रुपये प्रति किलो है। उन्होंने बताया कि विभिन्न क्षेत्रों के लिए उपयुक्त अल्प अवधि ,मध्यम अवधि एवं लंबी अवधि की प्रजातियों की उपलब्धता कराई गई है। पंजीकृत किसानों को कृषि विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। अनुमन्य अनुदान की धनराशि डीबीटी के माध्यम से उनके खाते में अंतरित की जाएगी। ''यदि कोई निजी विक्रेता कैशमेमो देने में आनाकानी करता है तो तो किसान इसकी शिकायत जिला कृषि अधिकारी कार्यालय अथवा उप कृषि निदेशक कार्यालय में करें। दोषी विक्रेता के लाइसेंस को निलंबित करते हुए उसके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी। निजी विक्रेताओं को सभी किसानों को कैशमेमो देना अनिवार्य है।जो भी विक्रेता कृषि निवेशों की उपलब्धता का रखरखाव अद्यतन नहीं रखेगा या अनाधिकृत रूप से व्यवसाय करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
-डा.आरके मौर्य, उप कृषि निदेशक, आजमगढ़।