किसानों का भंग होने लगा मोह, गन्ना का रकबा घटा
जागरण संवाददाता आजमगढ़ चीनी मिल सठियांव परिक्षेत्र के गन्ना किसानों का गन्ना बोआई से मोह भंग होता जा रहा है। ताजा सर्वे के अनुसार गन्ना उत्पादन का रकबा परिक्षेत्र में छह हजार हेक्टेयर घटा है जबकि इससे पहले गन्ना उत्पादन का रकबा बढ़ता रहा है। चीनी मिल परिक्षेत्र में 2019-20 के सर्वे के अनुसार परिक्षेत्र के गन्ना किसानों के उत्पादन का रकबा 14 हजार पांच सौ हेक्टेयर बतया जा रहा है। इसके पहले पेराई सत्र 201
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : चीनी मिल सठियांव परिक्षेत्र के गन्ना किसानों का गन्ना बोआई से मोह भंग होता जा रहा है। ताजा सर्वे के अनुसार गन्ना उत्पादन का रकबा परिक्षेत्र में छह हजार हेक्टेयर घटा है, जबकि इससे पहले गन्ना उत्पादन का रकबा बढ़ता रहा है। चीनी मिल परिक्षेत्र में 2019-20 के सर्वे के अनुसार परिक्षेत्र के गन्ना किसानों के उत्पादन का रकबा 14 हजार पांच सौ हेक्टेयर बताया जा रहा है। इसके पहले पेराई सत्र 2018-19 में सर्वे के अनुसार उत्पादन रकबा 20 हजार पांच सौ हेक्टेयर था।
बता दें कि किसानों को गन्ना आपूर्ति के लिए पर्ची के लिए जूझना पड़ता है। पर्ची मिलने के बाद तौल व कांटा करने में जो कठिनाई उठानी पड़ती है, वह किसी से छिपी नहीं है। यहां तक कि कभी-कभी किसानों के बीच नोकझोंक व मारपीट की नौबत आ जाती है। सबके बाद भुगतान में विलंब भी किसानों के मोह भंग का कारण माना जाता है। बता दें कि आज भी किसानों का गन्ना का बकाया मूल्य 62 करोड़ 35 लाख बताया जाता है।
इस संबंध में मुख्य गन्ना अधिकारी डा. विनय प्रताप सिंह ने बताया कि इस बार सर्वे ठीक से किया गया है, इसलिए गन्ना उत्पादन का रकबा ठीक आया है। इससे पहले फर्जी सट्टा वाले किसानों का सर्वे हुआ था। किसानों का 19 फरवरी तक 79 करोड़ 62 लाख भुगतान किया जा चुका है।