झमाझम बारिश से किसानों के चेहरे खिले
-मौसम -धान की फसल के लिए बूंद-बूंद साबित होगी संजीवनी - उमसभरी गर्मी से लोगों ने महसूस
-मौसम ::::
-धान की फसल के लिए बूंद-बूंद साबित होगी संजीवनी
- उमसभरी गर्मी से लोगों ने महसूस की राहत, मिला चैन
-सड़क के गड्ढों में पानी भरने से आवागमन में परेशानी जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : दो दिन पहले तक तेज धूप से बेहाल जनमानस को बारिश से बड़ी राहत मिल गई। बुधवार को दूसरे दिन भी बारिश के रूप में खेतों में गिरी बूंद-बूंद धान की फसल के लिए संजीवनी साबित हुई तो लोगों ने उमसभरी गर्मी से राहत भी महसूस की। सड़कों के गड्ढों में पानी भरने से आवागमन में परेशानी का भी सामना करना पड़ा।
किसानों के चेहरे खिल उठे, क्योंकि मुरझा रही धान की फसल खेतों में अब लहलहा रही है। मंगलवार व बुधवार को सुबह से ही बादल छाए रहे और रुक-रुककर बारिश होती रही।
मेंहनगर: दो सप्ताह से बारिश न होने के कारण किसान परेशान थे। संपन्न किसान तो धान की फसल को बचाने के लिए डीजल इंजन से पानी भरना शुरू कर दिए थे, जबकि शेष भगवान के भरोसे थे। करौती गांव के किसान व पूर्व प्रधान पथरू बाबा ने कहा कि अगैती धान की फसल में पानी की अधिक आवश्यकता थी। ऊंचास पर स्थित खेतों में दरार पड़ने लगी थी। कुशमुलिया गांव के श्यामनरायन व करनेहुआ के साहबराज सिंह ने कहा कि बारिश फसल के लिए संजीवनी साबित हुई।
सरायमीर : सरायमीर कस्बे में जलनिकासी की समुचित व्यवस्था न होने से बरसात के पानी से सड़क डूब गई। इससे दुकानदारों सहित राहगीरों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।छात्र-छत्राओं को भी पानी से गुजरना पड़ा। समस्या के पीछे सबसे बड़ा कारण यह रहा कि कस्बे में नालियों का निर्माण आधा-अधूरा है। रेलवे मैदान तो नगर के पानी से तालाब सरीखा दिख रहा था।