जलस्तर घटने के बाद भी कटान का संकट
जागरण संवाददाता रौनापार (आजमगढ़) सरयू (घाघरा) का जलस्तर एक बार फिर घटने लगा है
जागरण संवाददाता, रौनापार (आजमगढ़): सरयू (घाघरा) का जलस्तर एक बार फिर घटने लगा है, लेकिन कटान का संकट अभी भी बरकरार है। नदी की धारा गांगेपुर की ओर बढ़ रही है। कृषियोग्य भूमि की कटान के साथ कई मकान के नजदीक धारा के पहुंचने से लोगों की बेचैनी बढ़ गई है। देवारा के लोगों का कहना है कि नदी घटने के साथ ही कटान तेज हो जाती है। इसको रोकने के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किया जा रहा है। बाढ़ खंड के अधिकारी और कर्मचारी 18 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले अर्ध निर्मित ठोकरों को ही बचाने में जुटे हैं।
बाढ़ और कटान से पीड़ित लोगों के बारे में प्रशासन अनभिज्ञ बना हुआ है। शुक्रवार को देवारा खास के वासू का पूरा में रामसकल का मकान नदी की धारा में विलीन हो गया। इस पुरवा में चार घर पहले ही नदी में समाहित हो चुके हैं।
नदी का जलस्तर शुक्रवार को बदरहुआ नाले पर 71.26 सेंटीमीटर से घटकर 71.18 मीटर, तो डिघिया नाले पर 70.63 मीटर से घटकर शुक्रवार को 70.59 पर पहुंच गया। घटते जलस्तर के बीच देवारा के लोगों की दुश्वारियां बढ़ती जा रही हैं।
क्षेत्र के लोगों ने बताया कि नदी का स्वभाव अन्य नदियों के विपरीत है। एक तो यह कि जून से अक्टूबर तक जलस्तर में उतार-चढ़ाव का क्रम बना रहता है तो दूसरा यह कि जलस्तर कम होने के साथ कटान का खतरा बढ़ जाता है। पिछले दो दिनों से नदी के जलस्तर में कमी से उन लोगों ने राहत महसूस की है, जिनके गांव के रास्ते पानी में डूबे थे। जलस्तर घटने के बाद भी गांगेपुर, परसिया में कृषि योग्य भूमि लगातार कटकर नदी में विलीन हो रही है। पीड़ितों की समस्या जानने को कोई तैयार नहीं है। बाढ़ खंड के अधिकारी 18 करोड़ की लागत से बनने वाले तीन ठोकरों को ही बचाने में अपनी सारी ऊर्जा खर्च कर रहे हैं।हर बार नदी की जो स्थिति रहती है उसके अनुसार जलस्तर के बढ़ने का भय उन्हें लगातार सता रहा है।