एहू हाथे गठरी वोहू हाथे झोरा, कान्हे पे कंबल ..
अतरौलिया (आजमगढ़) एहू हाथे गठरी वोहू हाथे झोरा कान्हे पे कंबल कपारे पे बोरा। मशहूर हास्य कवि कैलाश गौतम द्वारा अमौसा के मेले पर रचित हास्यगीत की यह लाइन इन दिनों पूर्वांचल के ऐतिहासिक गोविद साहब मेले में सटीक बैठ रही है।
जागरण संवाददाता, अतरौलिया (आजमगढ़) : 'एहू हाथे गठरी वोहू हाथे झोरा, कान्हे पे कंबल कपारे पे बोरा'। मशहूर हास्य कवि कैलाश गौतम द्वारा अमौसा के मेले पर रचित हास्यगीत की यह लाइन इन दिनों पूर्वांचल के ऐतिहासिक गोविद साहब मेले में सटीक बैठ रही है। रोजाना दूर-दराज से मेले के दूसरे प्रमुख स्नान पूर्णिमा पर भीड़ पहुंच रही है। श्रद्धा एवं आस्था की डोर से बंधे सैकड़ों श्रद्धालु सिर पर गठरी, कंधे पर कंबल तथा हाथ में झोला लिए मुख्य मेला मार्ग अमड़ी एवं अमोला मोड़ से लगभग दो किलोमीटर की लंबी दूरी पैदल ही तय करके पहुंच रहे हैं। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखकर यह सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि खासतौर से ग्रामीण परिवेश में अभी भी मेलों की महत्ता पूरी तरह से बरकरार है।
पूर्वांचल के विभिन्न जनपदों से श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला बुधवार की रात तक जारी रहा। भीड़ देख दुकानदारों एवं साधु-संतों में भी उत्साह देखा जा रहा है।
बता दें कि बीते छह दिसंबर को गोविद दशमी मुख्य स्नान पर्व से शुरू होकर लगभग एक माह तक चलने वाले मेले की शुरुआत गत वर्षो की अपेक्षा इस बार काफी फीकी रही। खेती-किसानी का मुख्य सीजन होने के कारण कम संख्या में श्रद्धालुओं की आमद से व्यवसायी काफी उदास नजर आए वहीं अब मेले में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने का सिलसिला शुरू हो गया है।
मेले में मीठे नमकीन खजले, गट्टे व प्रसाद स्वरूप इलायची दाना आदि की बिक्री हो रही है, वहीं लोग अपनी जरूरत के मुताबिक खादी, ऊनी वस्त्र, फर्नीचर, कृषि उपकरण, लोहे के बॉक्स, सौंदर्य प्रसाधन, खिलौने, घरेलू सामानों तथा धार्मिक पुस्तकों आदि की खरीदारी करने के अलावा मेले में स्थापित लगभग आधा दर्जन से अधिक मनोरंजन संसाधनों का जमकर लुत्फ उठा रहे हैं। मेले में लगभग चार दशक से अधिक समय से व्यवसाय करने वाले बुलंदशहर के खजला व्यवसायी सुभाष चंद्र गुप्ता, अलीगढ़ के रमेश शर्मा, कानपुर के श्यामसुंदर तिवारी, गीता प्रेस गोरखपुर के अनिल मिश्रा एवं बिहार प्रांत के व्यवसायी राम कुमार ने बताया कि गत वर्षों की अपेक्षा इस बार मेले की शुरुआत अच्छी नहीं रही। बावजूद इसके अब क्षेत्रीय भीड़ बढ़ने से संतोषजनक व्यवसाय होने लगा है। भीड़ के साथ बढ़ी पुलिस की चौकसी
अतरौलिया : मेले में पुलिस एवं पीएसी के जवानों की चौकसी भीड़ के साथ बढ़ गई है। बीते दिनों रात्रि के समय कुछ दुकानों में चोरी का असफल प्रयास करने का मामला प्रकाश में आने के बाद हरकत में आई पुलिस बुधवार को पूरी तरह से मुस्तैद नजर आ रही थी। मेला कोतवाली प्रभारी जहां अपने हमराहियों के साथ भ्रमणशील नजर आए, वहीं आलापुर थानाध्यक्ष नारद मुनि, निरंतर पुलिस पिकेट एवं अराजक तत्वों पर नजर रख रहे थे। यातायात व्यवस्था हेतु अतरौलिया प्रभारी निरीक्षक हिमेन्द्र सिंह लगे हुए थे। एक मेला प्रभारी के अलावा 7 एसएचओ 3 निरीक्षक, 35 उपनिरीक्षक, 31 हेडकांस्टेबल, 70 कांस्टेबल, 46 महिला कांस्टेबल, 50 रिक्रूट कांस्टेबल, 39 पीआरडी, 2 प्लाटून पीएसी के अलावा तीन रेडियो ऑपरेटर, दो फायर कैनन, 6 कैमरे की मदद से मेले की निगरानी की जा रही है।