जिला जेल की ड्रोन कैमरे से होगी निगहबानी
पैनी नजर - संवेदनशील जेल में निरुद्ध बंदियों पर नजर रखने के लिए शासन से मिला अस्त्र - कारागार प
पैनी नजर
- संवेदनशील जेल में निरुद्ध बंदियों पर नजर रखने के लिए शासन से मिला अस्त्र
- कारागार प्रशासन ने ट्रायल भी कर लिया, अब क्रियान्वयन की प्रतीक्षा
- दो किलोमीटर की परिधि में हर गतिविधि अब होगी कैमरे में कैद जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : देश के अतिसंवेदनशील जेलों में शामिल जिला कारागार में निरुद्ध बंदियों की अब ड्रोन कैमरे से निगहबानी की जाएगी। निगहबानी के लिए शासन स्तर से मिले ड्रोन कैमरे का जेल प्रशासन ने ट्रायल भी कर लिया है।
बता दें कि प्रदेश के 17 अतिसंवेदनशील जेलों में आजमगढ़ जिला कारागार भी शामिल है। अभी बीते माह लखनऊ में मऊ जिले के मोहम्दाबाद गोहना के पूर्व ज्येष्ठ प्रमुख अजीत सिंह की हुई हत्या का ताना-बाना आजमगढ़ जेल में निरुद्ध कुख्यात अपराधियों द्वारा बुना गया था। इस बात की पुष्टि होने पर शासन से लेकर जेल प्रशासन तक हड़कंप मच गया था। बीते वर्ष जिला कारागार में निरुद्ध बंदियों ने जमकर हंगामा व तोड़फोड़ के साथ आगजनी भी की थी। इस घटना के बाद से ही जेल में निरुद्ध बंदियों के अलावा जेल परिसर के अंदर से लेकर बाहर तक की हर गतिविधियों पर नजर रखने के लिए जेल प्रशासन ड्रोन कैमरा के साथ ही उच्च तकनीकी के सीसीटीवी कैमरे के लिए शासन को पत्र भी लिखा था। जेल प्रशासन की मांग पर शासन ने उच्च क्षमता वाला एक ड्रोन कैमरा मुहैया करा दिया। ड्रोन कैमरा मिलने से पूर्व जिला कारागार आजमगढ़ के दो बंदी रक्षकों को प्रशिक्षण देने के लिए कारागार मुख्यालय लखनऊ बुलाया गया था। कारागार मुख्यालय लखनऊ गए दोनों बंदी रक्षकों को ड्रोन कैमरे के हर तकनीक से प्रशिक्षित कराया गया।प्रशिक्षण लेने के बाद लखनऊ से दोनों बंदी रक्षक ड्रोन कैमरा लेकर शनिवार को जिला कारागार आ गए। यहां आने के बाद जेल अधिकारी के समक्ष उन्होंने शनिवार व रविवार को ड्रोन कैमरा को उड़ाकर उसका सफल ट्रायल भी दिखाया।
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क्या कहतें हैं वरिष्ठ जेल अधीक्षक :::
वरिष्ठ जेल अधीक्षक विनोद कुमार ने बताया कि ड्रोन कैमरे से जेल के अंदर से लेकर लगभग दो किलोमीटर के क्षेत्रफल में हर गतिविधियों पर एक जगह से ही नजर रखी जा सकती है। जेल परिसर के कार्यालय में ही एक कंट्रोल रूम बनाया गया है।