ओवरहेड टैंकों में डूबी पेयजल आपूर्ति की योजना

जागरण संवाददाता बिद्राबाजार (आजमगढ़) मुहम्मदपुर ब्लाक की 73 गांव की लगभग दो लाख की आबादी की प्यास बुझाने के लिए स्थापित पेयजल परियोजनाएं दम तोड़ती नजर आ रही हैं। दो ओवरहेड टैंकों से शुरुआती दिनों में तो आपूर्ति की गई लेकिन बाद में देखरेख के अभाव में बंद हो गई। सौ से ज्यादा इंडिया मार्का हैंडपंपों के भी खराब रहने से समस्या बढ़ने लगी है। अभी तो जून की गर्मी बाकी है। रानीपुर रजमो ग्रामसभा में मां अगवानी के स्थान पर नौ वर्ष पूर्व एक करोड़ आठ लाख की लागत से निर्मित पानी की

By JagranEdited By: Publish:Wed, 03 Jun 2020 06:35 PM (IST) Updated:Wed, 03 Jun 2020 06:35 PM (IST)
ओवरहेड टैंकों में डूबी पेयजल आपूर्ति की योजना
ओवरहेड टैंकों में डूबी पेयजल आपूर्ति की योजना

जागरण संवाददाता, बिद्राबाजार (आजमगढ़) : मुहम्मदपुर ब्लाक की 73 गांव की लगभग दो लाख की आबादी की प्यास बुझाने के लिए स्थापित पेयजल परियोजनाएं दम तोड़ती नजर आ रही हैं। दो ओवरहेड टैंकों से शुरुआती दिनों में तो आपूर्ति की गई लेकिन बाद में देखरेख के अभाव में बंद हो गई। सौ से ज्यादा इंडिया मार्का हैंडपंपों के भी खराब रहने से समस्या बढ़ने लगी है। अभी तो जून की गर्मी बाकी है।

रानीपुर रजमो ग्रामसभा में मां अगवानी के स्थान पर नौ वर्ष पूर्व एक करोड़ आठ लाख की लागत से निर्मित पानी की टंकी ग्रामीणों की प्यास बुझाने में नाकाम साबित हो रही है। कोई कर्मचारी नहीं है और ना ही विभाग के पास इसे देखने की फुर्सत है। 60,000 लीटर क्षमता वाला यह टैंक शुरुआती दौर में काफी कारगर साबित हुआ लेकिन धीरे-धीरे इसकी देखभाल करने वाला कोई नहीं रहा और वर्षों से पूर्ण रुप से बंद है। गांव के संजय मिश्रा, वीरेंद्र मिश्रा, लकी श्रीवास्तव, संजीव सिंह, वीरेंद्र सिंह, अजय श्रीवास्तव, बिदु गौड़, संदीप मिश्रा, बबलू पंडित, औरंगजेब, घनश्याम उपाध्याय, मुन्ना सिंह, अनुराग सिंह, संगम सिंह आदि का यह कहना है कि अभी तो कुछ गनीमत है लेकिन तापमान और बढ़ने पर कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। अंबिका सेवा संस्थान के सदस्यों ने बताया कि पानी की टंकी से आपूर्ति नहीं शुरू की गई तो संस्था के लोग धरना देने को विवश होंगे। बीडीओ संतोष नारायण गुप्ता ने बताया कि दो ओवरहेड टैंक हैं लेकिन दोनों बंद है। कई बार विभाग को अवगत कराया गया। ब्लाक क्षेत्र में 23 सौ से अधिक हैंडपंप हैं जिसमें सैकड़ों पूरी तरह खराब हैं।

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