चार डाक्टरों ने मशक्कत कर कैदी के पेट से निकाली बोतल

-सर्जरी -आधा लीटर क्षमता की बोतल देख हैरत में पड़ गए चिकित्सक -जेल प्रशासन पर सवाल मे

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 07:47 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 07:47 PM (IST)
चार डाक्टरों ने मशक्कत कर कैदी के पेट से निकाली बोतल
चार डाक्टरों ने मशक्कत कर कैदी के पेट से निकाली बोतल

-सर्जरी ::::

-आधा लीटर क्षमता की बोतल देख हैरत में पड़ गए चिकित्सक

-जेल प्रशासन पर सवाल, मेडिकल कालेज ने साबित की अपनी उपयोगिता

जागरण संवाददाता, चक्रपानपुर (आ•ामगढ़) : राजकीय मेडिकल कालज एवं सुपर फैसिलिटी हास्पिटल के चिकित्सकों, कर्मचारियों ने अपनी दक्षता साबित कर दी। कैदी के पेट में जा पहुंची आधा लीटर क्षमता की बोतल को सफल आपरेशन के जरिए निकाला। डाक्टरों ने दावा किया कि बंदी एक सप्ताह में पूर्णतया स्वस्थ हो जाएगा। हालांकि बोतल पेट से निकला तो उसकी साइज देख शल्य क्रिया में जुटी टीम भी दहल गई कि आखिर यह बोतल घुसा कैसे? इसके साथ ही जेल में बंदियों की सुरक्षा पर सवाल भी उठ खड़े हुए हैं।

मंडलीय जिला कारागार में निरुद्ध कप्तानगंज थाना क्षेत्र के रंजीत को रविवार शाम मंडलीय जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसको पेट में तेज दर्द की शिकायत थी। वह चिकित्सकों से बचा लेने के लिए चीखते हुए गुहार लगा रहा था। चिकित्सकों ने देखा तो पहले उसके दर्द की वजह नहीं समझ पाए। एक्स-रे रिपोर्ट सामने आई तो सच्चाई जानकर कांप उठे। उचित भी कि उसके पेट में बड़ी बोतल नजर आ रही थी। आपात सेवा के चिकित्सकों ने कैदी को राजकीय मेडिकल कालेज के लिए रेफर कर दिया। यहां डाक्टरों की टीम ने मंडलीय अस्पताल के चिकित्सक की ओपीनियन देखी तो दहल उठे। उसके बाद चिकित्सकों ने मशविरा किया तो आपरेशन ही विकल्प नजर आया। हालांकि, इससे पूर्व चिकित्सकों ने दवाएं चलाईं, जिससे इलाज सफलता पूर्व किया जा सके। सर्जन डा. अखिलेश कुमार मौर्य, डा. रामकिकर पांडेय, एनेस्थेटिक डा. रवि, डा. विजय यादव व पैरा मेडिकल स्टाफ ने सफलतापूर्वक सर्जरी कर कैदी के शरीर से बोतल निकाली। डाक्टरों ने बताया कि मरीज पूरी तरह स्वस्थ है। उन्होंने संभावना जताई कि लगभग एक सप्ताह बाद मरीज को डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। प्रधानाचार्य डा. आरपी शर्मा ने इस सफलता पर डाक्टरों की टीम को बधाई दी है। उधर पूरे दिन कैदी के पेट में बोतल पहुंचने की वजह जानने को लोग परेशान रहे। जेल सुपरिटेंडेंट से बात न हो पाने के कारण घटना की ठोस वजह सामने नहीं आ पाई है।

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