चिकित्सक भगवान का दूसरा रूप होते हैं : डीआइजी
- चिकित्सकों ने धूमधाम से मनाया नीमा का 73 वां स्थापना दिवस -कार्यक्रम में कोविड नियमों का किय
- चिकित्सकों ने धूमधाम से मनाया नीमा का 73 वां स्थापना दिवस
-कार्यक्रम में कोविड नियमों का किया गया पालन
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : नेशनल इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोशियेशन (नीमा) का 73 वां स्थापना दिवस मंगलवार को कोविड-गाइडलाइन के बीच मनाया गया। मुख्य अतिथि रहे डीआइजी सुभाष चंद्र दुबे ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इससे पूर्व नीमा के अध्यक्ष डॉ. डीडी सिंह ने अपनी टीम के साथ मुख्य अतिथि को गुच्छ देकर स्वागत किया।
डीआइजी ने कहा कि चिकित्सक को लोग भगवान का रूप मानते हैं। ऐसे में प्रत्येक चिकित्सक का कर्तव्य है कि मरीजों का इलाज करते समय उच्च आदर्श स्थापित करें। वैश्विक महामारी कोरोना में आयुर्वेदिक दवाओं और आयुष काढ़ा ने पूरी दुनिया में अपनी पहचान बनाई है। आयुर्वेदिक और यूनानी चिकित्सकों के राष्ट्रव्यापारी संगठन नीमा ने पूरे देश में कोविड काल में आगे बढ़कर अपना योगदान दिया है, जिसके लिए डाक्टर्स प्रशंसा के पात्र हैं। डॉ. मनीष राय ने कहा कि संस्था समय-समय पर मेडिकल कैंप व अन्य सामाजिक कार्यों को करती रहती है। डॉ. आरती सिंह ने राष्ट्रीय स्तर पर आयुष चिकित्सा को स्थापित करने के लिए नीमा की सराहना की। डॉ. वेद प्रकाश सिंह ने कहा कि आयुर्वेद एवं योग दोनों एक दूसरे के पूरक है। पंचकर्म द्वारा आसाध्य रोगों को ठीक किया जा सकता है। डा. अबु शहमा खान ने कोविड संक्रमण से बचाने को सोशल डिस्टेनसिग के बारे में सचेत किया। डॉ. वेद प्रकाश सिंह, डॉ. अबु शहमा खान, डॉ. संतोष कुमार सिंह, डॉ. सुजय विस्वास, डॉ. श्वेता विश्वास, डॉ. मनीषा मिश्रा, डॉ. अ•ाीम अहमद, डॉ. नूर बानो इत्यादि उपस्थित रहे।