धान की फसल में लगा रोग, चिता में किसान
-प्रकृति की मार -पत्तियों में पीलापन से पैदावार होगी प्रभावित बढ़ीं मुश्किलें -पुरुआ हवा
-प्रकृति की मार:::::
-पत्तियों में पीलापन से पैदावार होगी प्रभावित, बढ़ीं मुश्किलें
-पुरुआ हवा बन रहा कारण, तलाशने लगे समस्या का समाधान
जागरण संवाददाता, अंबारी (आजमगढ़): धान की फसल में फंगल बीमारियों के चलते किसानों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। विशेषज्ञों की मानें तो हर वर्ष इसी समय पुरुआ हवा चलने के कारण यह रोग होता है। इससे बहुत घबराने की जरूरत नहीं है। समय से कीटनाशक दवाओं के छिड़काव से समस्या से निजात मिल सकती है।
कुछ दिनों से चल रही पुरुआ हवा के कारण धान की फसल में यह बीमारियां तेजी से फैल रही हैं। इसके चलते धान की पत्तियां ऊपर से पीली पड़ना शुरू हो गई हैं। फंगल बीमारियों के चलते किसानों को काफी नुकसान होता है। क्षेत्र के किसान बलबीर सिंह, रविद्र कुमार, अशोक कुमार, चंद्रिका प्रसाद आदि का कहना है कि फंगल बीमारियों के चलते हर वर्ष उत्पादन पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इस वर्ष धान की फसल काफी अच्छी है, लेकिन बीमारियों के चलते उत्पादन कम होना तय है। वह भी ऐसे समय जब धान की बालियां भी निकलनी शुरू हो गई हैं। कृषि विशेषज्ञ केशव प्रसाद ने बताया कि यह समस्या हर साल पुरुआ हवा के कारण होती है। इस साल बारिश से इसमें राहत मिल सकती है। जिन किसानों की फसलों में यह रोग लगा है उन्हें मेंकोजेब के साथ ही क्लोरोपरिफस या मोनोक्रोटोफास में यूरिया मिलाकर स्प्रे करने से निजात मिल सकती है। घबराने की आवश्यकता नहीं है।
--------------------
बारिश ने तोड़ी सब्जी उत्पादकों की कमर
जागरण संवाददाता, अंबारी (आजमगढ़): बीते दिनों लगातार भारी बारिश के चलते किसानों की कमर टूट गई है। मक्का, बाजरा और सब्जियों की फसलों पर बारिश का सबसे अधिक प्रभाव पड़ा।खेतों पानी भर चुका है। कोहड़ा, लौकी, धनिया, बैगन, परवल, नेनुआ आदि सब्जियों को काफी नुकसान हुआ है। खेतों में तैयार मक्का और बाजरा की फसल भी बर्बाद हुई है। निचले इलाके के गन्ना फसल को भी नुकसान हो सकता है। हालांकि, ऊंचास इलाकों के किसानों को बारिश से फायदा भी होगा। मिथलेश यादव, शीतला प्रसाद, शिवपूजन मौर्य, एकलाख अहमद आदि ने बताया कि पिछले दिनों बारिश से खेतों में पानी भर गए हैं।सब्जियों के बर्बाद होने के आसार बढ़ गए हैं, जबकि सब्जियों की फसल काफी अच्छी हुई है।