डिजिटल एक्स-रे व सोनोग्राफी मशीन खराब, मुश्किल में मरीज

= निराशाजनक - दोनों मशीने बंद पड़ी होने से गरीब बगैर इलाज के हो जा रहे बैरंग - सिलसिल

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 06:47 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 06:47 PM (IST)
डिजिटल एक्स-रे व सोनोग्राफी मशीन खराब, मुश्किल में मरीज
डिजिटल एक्स-रे व सोनोग्राफी मशीन खराब, मुश्किल में मरीज

= निराशाजनक

- दोनों मशीने बंद पड़ी होने से गरीब बगैर इलाज के हो जा रहे बैरंग

- सिलसिलेवार बारिश के बाद से हुईं मुश्किलें, निजी जांच घरों की चांदी

- मंडलीय जिला अस्पताल में बेहतर ढंग से होता है मरीजों का इजाल

जागरण संवाददाता, बलरामपुर आजमगढ़ : सिलसिलेवार बारिश का खामियाजा जिला अस्पताल के मरीजों को भी भुगतना पड़ रहा है। डिजिटल एक्स-रे, सोनोग्राफी मशीन खराब होने से मरीजों को निजी पैथालाजी सेंटरों पर जेब ढीली करनी पड़ रही है। दोनों की मशीनों की जरूरत अब अस्पतलों में सामान्य हो चली है। पेट संबंधी परेशानियों के लिए सोनोग्राफी तो हड्डी फ्रैक्चर होने पर डिजीटल एक्स-रे ही उपयोगी होता है। मरीज को जांच केंद्रों के चार्ज सुनकर बेचारे बैरंग हो जा रहे हैं।

मंडलीय जिला अस्पताल को बड़े अस्पताल के रूप में जाना जाता है। यहां इलाज की बेहतर सुविधाएं होने के कारण गांवों से भी बड़ी संख्या में लोगों इलाज कराने पहुंचते हैं। एक आंकड़े मुताबिक रोजाना करीब 1500 लोग पहुंच रहे हैं। बीते सप्ताह सिलसिलेवार बारिश होने के कारण मंडलीय जिला अस्पताल में भी पानी घुस गया। इससे सोनोग्राफी मशीन, डिजिटल एक्स-रे रूम भी नहीं बच सका। मशीन पानी लगने के कारण कारण काम करना बंद कर दिया। ऐसे में मरीजों को परेशानी होने लगी है। एक आंकड़े मुताबिक डिजिटल एक्स-रे रोजाना औसतन 60 से 70 मरीजों की 40 से 50 मरीजों की सोनोग्राफी मशीन से जांच होती है। मशीनें खराब होने से गरीबों को एक्स-रे कराने में 300 से 400 रुपये तो सोनोग्राफी कराने में 800 से एक हजार रुपये निजी संस्थानों में खर्च करने पड़ रहे हैं।

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'बारिश के कारण ही मुश्किल हुईं है। सोनोग्राफी और डिजिटल एक्स-रे मशीन के कमरों में पानी भर गया था। इंजीनियर को बुलाया गया है। मशीनों को जल्द ही ठीक कराकर जांच के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।

डा.अनूप कुमार सिंह, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक।

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