माता के दरबार में उमड़ा भक्तों का जनसैलाब
-ऐतिहासिक मेला -बारिश के बावजूद रानी की सराय मेले में उमड़ी भक्तों की भारी भीड़
-ऐतिहासिक मेला ::::
-बारिश के बावजूद रानी की सराय मेले में उमड़ी भक्तों की भारी भीड़
-बच्चों ने झूले का लिया आनंद, महिलाओं ने श्रृंगार के सामान खरीदे
-लौटते वक्त चोटहिया जलेबी खरीदना कोई श्रद्धालु नहीं भूला जागरण संवाददाता, रानी की सराय (आजमगढ़): कस्बे के ऐतिहासिक मेले के दिन बारिश को लेकर एक तरफ जहां दुकानदारों में चिता के भाव दिखे, वहीं आम आदमी के मुख से निकल पड़ा कि वाह! भगवान इंद्र भी माता रानी के दरबार में हाजिरी लगाने पहुंच आए हैं।
पहले तो लगा कि भीड़ नहीं आएगी, लेकिन दोपहर बाद मौसम साफ हुआ तो ऐसी भीड़ उमड़ी कि उसे नियंत्रित करना पुलिस के लिए मुश्किल हो गया। देर रात तक कस्बे की सड़क पर तिल रखने की जगह नहीं थी। आकर्षक सजावट से पूरा कस्बा जगमग कर रहा था, तो पूजा पंडालों में बज रहे भक्ति गीत लोगों को भक्ति रस से सराबोर कर रहे थे।
कस्बे के मेले में दूर-दराज के दुकानदारों ने एक दिन पहले ही जगह सुरक्षित कर ली थी। रविवार को दोपहर में जब बारिश शुरू हुई, तो कई पंडालों में पानी लग गया।तकरीबन एक घंटे बाद धूप दिखी तो लोगों की उम्मीद बढ़ गई। माता रानी ने सबकी सुनी तो इंद्र को वापस कर दिया। इस बार जहां कोरोना रूपी राक्षस का मइया ने वध किया, वहीं नशा निषेध के साथ पंडालों पर टंगी लालटेन चर्चा में रही। बच्चों ने झूले का आनंद लिया तो महिलाओं की भीड़ सौंदर्य प्रसाधन की दुकानों पर रही। मेले में आने वाले लौटते समय चोटहिया जलेगी पैक कराना नहीं भूले। भीड़ के बीच चार स्थानों पर मजनू सक्रिय हुए, तो महिलाओं ने उनकी जमकर खबर भी ली। भीड़ को देख बड़े वाहनों का रूट डायवर्ट कर दिया गया था, लेकिन छोटे वाहन प्रवेश करते रहे।प्रतिमाओं का विसर्जन सोमवार को होगा।