अनापत्ति प्रमाण पत्र के बाद ही कंबाइन हार्वेस्टर का कर सकेंगे प्रयोग
-एनजीटी सख्त -फसल अवशेष जलाने से हो रहे वायु प्रदूषण की रोकथाम के निर्देश -धान की कट
-एनजीटी सख्त :::
-फसल अवशेष जलाने से हो रहे वायु प्रदूषण की रोकथाम के निर्देश
-धान की कटाई के समय सुपर एसएमएस का प्रयोग करना अनिवार्य
जागरण संवाददाता,आजमगढ़: डीएम राजेश कुमार ने बताया कि प्रदेश सरकार ने खरीफ-2021 में फसल अवशेष जलाने से हो रहे वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए विस्तृत निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि कंबाइन हार्वेस्टर के साथ सुपर एसएमएस का प्रयोग किया जा सकेगा। इस संबंध में किसानों को कृषि विभाग में लिखित शपथ पत्र प्रस्तुत करते हुए अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त कर करना होगा।
उन्होंने किसानों को बताया कि सुपर एसएमएस के विकल्प के रूप में अन्य फसल अवशेष प्रबंधन के यंत्र जैसे स्ट्रारिपर, स्ट्रा रेक, बेलर, मल्चर, पैडी स्ट्रा चापर, श्रब मास्टर, रोटरी स्लेशर, रिवर्सिबुल एमबी प्लाऊ का भी प्रयोग कंबाइन हार्वेस्टर के साथ किया जा सकता है, जिससे खेत में फसल अवशेष के बंडल बनाकर जलाने से इतर अन्य उपयोग या काटकर मिट्टी में मिलाया जा सके। इसके प्रबंधन की जिम्मेदारी कंबाइन हार्वेस्टर संचालक की होगी। कटाई के दौरान निर्धारित समस्त व्यवस्था किसान स्वयं सुनिश्चित कराएंगे। डीएम ने समस्त कंबाइन हार्वेस्टर स्वामियों को निर्देशित किया है कि एक सप्ताह के अंदर उप कृषि निदेशक कार्यालय में उपस्थित होकर इस आशय का लिखित शपथ पत्र प्रस्तुत करते हुए अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त कर लें कि आपने अपनी कंबाइन हार्वेस्टर में निर्धारित अवशेष प्रबंधन यंत्र लगवा लिया गया है। यदि निर्धारित अवधि में सक्षम अधिकारी के समक्ष शपथपत्र प्रस्तुत नहीं किया जाता है तो यह मान लिया जाएगा कि कंबाइन हार्वेस्टर का वर्तमान में उपयोग नहीं किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में यदि खरीफ फसलों की कटाई का कार्य करते हुए पाया गया तो कंबाइन हार्वेस्टर को सीज करते हुए राष्ट्रीय हरित अधिकरण की गाइडलाइन के अनुसार विधिक एवं दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।