दो दिन की ¨जदगी, जो भी करना है कर गुजरती हूं
आजमगढ़ : फखरूद्दीन अली अहमद मेमोरियल कमेटी के सहयोग से खिदमत चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में निस्वां इंटर कालेज पहाड़पुर में ऑल इंडिया मुशायरा व कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।
आजमगढ़ : फखरुद्दीन अली अहमद मेमोरियल कमेटी के सहयोग से खिदमत चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में निस्वां इंटर कालेज पहाड़पुर में ऑल इंडिया मुशायरा व कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में डा. पीयूष ¨सह यादव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कहा कि आजमगढ़ भाईचारे, मानवता, इंसानियत व साहित्य की धरती है। यहां शिब्ली नोमानी, राहुल सांकृत्यायन, हरिऔध, कैफी आजमी आदि रचनाकारों ने अपनी रचनाओं से भाईचारे का पैगाम दिया। मालेगांव महाराष्ट्र से आए मशहूर शायर इमरान राशिद ने संचालन किया। शंकर कैमूरी ने नाते पाक पढ़कर माहौल को पवित्र कर दिया। मुजफ्फरनगर से आए शायर खुर्शीद हैदर ने 'गैर परों पर उड़ सकते हैं, हद से हद दीवारों तक, अंबर पर तो वहीं उड़ेंगे जिनके अपने पर होंगे' सुनाकर श्रोताओं को वाह-वाह करने को विवश कर दिया। उज्जैन की शायरा शबाना शबनम ने ''सिर्फ दो दिन की ¨जदगी के लिए, जो भी करना है कर गुजरती हूं'' सुनाकर दाद हासिल की। इस मौके पर डा. आनंद ओझा, अचानक मऊ, दानिश गजल मेरठ, जमशेद फैजाबादी, रोशन हबीबा रौशनी झारखंड, रफीक गड़बड़, वसीम रामपुरी, शमीम अहमद, मुख्तार मासूम, मजहर जलालपुरी आदि ने अपनी अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं। इस मौके पर तारिक ख्वाजा, मोहम्मद नोमान, अयाज अहमद खान, आसिम, मोहम्मद शादाब, बजरंग मिश्र, राजीव कुमार तिवारी, डा. शाह फरहान अजफर, एम आरिफ नसीम मौजूद थे।