सठियांव चीनी मिल में करोड़ों के गोलमाल का आरोप

आजमगढ़ : जनपद का एक मात्र लघु उद्योग सठियांव चीनी मिल भले ही चलने लगी है लेकिन एक अरब से अधिक तक घाटा पहुंच जाने के बाद विभाग के पसीने छूट रहे हैं। ऐसे में करोड़ों रुपये के गोलमाल का आरोप भी घाटे में मजबूत आधार के रूप में सामने आ गया है। यहां भूसी व बोगस खरीददारी में करोड़ों रुपये के हेरफेर कर भुगतान कर लिया गया है और मिल के आला प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लग सकी है। अब बिना जांच पड़ताल के तीसरे पेराई सत्र का शुभारंभ भी कर दिया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 17 Nov 2018 11:04 PM (IST) Updated:Sat, 17 Nov 2018 11:04 PM (IST)
सठियांव चीनी मिल में करोड़ों के गोलमाल का आरोप
सठियांव चीनी मिल में करोड़ों के गोलमाल का आरोप

आजमगढ़ : जनपद का एक मात्र लघु उद्योग सठियांव चीनी मिल भले ही चलने लगी है, लेकिन एक अरब से अधिक घाटा में होने से विभाग के अफसरों के पसीने छूट रहे हैं। ऐसे में करोड़ों रुपये के गोलमाल का आरोप भी घाटे को मजबूत आधार बताया जा रहा है। यहां भूसी व बोगस खरीदारी में करोड़ों रुपये के हेर-फेर कर भुगतान कर लिया गया है और मिल के आला प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लग सकी है। अब बिना जांच-पड़ताल के तीसरे पेराई सत्र का शुभारंभ भी कर दिया गया है।

अल्कोहल बनाने के लिए चीनी मिल में ब्वायलर चलता है। इसके लिए भूसी का प्रयोग किया जाता है। आरोप है कि 376 रुपये प्रति ¨क्वटल की दर से टेंडर लिया गया है। ऐसे में भूसी न खरीदते हुए लकड़ी का बुरादा खरीद लिया गया है। लकड़ी का बुरादा 100 रुपये प्रति ¨क्वटल के हिसाब से मिल रहा है, यानी प्रति ¨क्वटल में 276 रुपये अनियमितता। यह धनराशि करोड़ों में है। इसी प्रकार डिस्टिलरी में जलाने के लिए सूखी बगास सुल्तानपुर चीनी मिल से मंगाई जाती है। इसका टेंडर 376 रुपये प्रति क्िवटल निर्धारित है। आपूर्ति ठीक से न करने पर संबंधित कंपनी का टेंडर भी निरस्त कर दिया गया, लेकिन टेंडर निरस्त करने से पहले ही दस हजार क्िवटल की खरीद दिखा दी गई है। इसमें भी 100 रुपये प्रति क्िवटल की धांधली है। आरोप है कि सूखी की जगह गीली बगास मंगाई गई है। इसके बाद फिर इसे सुखाने में धन खर्च हुआ है। चीनी मिल के डायरेक्टर आनंद उपाध्याय, राम अवध यादव, जयप्रकाश पांडेय, दयानंद मौर्य की मानें तो जिस अनुपात में भूसी व बोगास जलाना था, उस अनुपात में भी नहीं किया गया है, यानी इसमें भी अनियमितता बरती गई है। कुल मिलाकर कई ऐसे मामले सामने आने लगे हैं जिसमें अनियमितताएं बरती गई हैं। ऐसे में जांच हो गई तो चीनी मिल में हुए घाटे की पोल परत-दर-परत खुल जाएगी। आनंद उपाध्याय का कहना है कि वह आला अधिकारियों से इस तरह की अनियमितता से अवगत करा चुके हैं। ''अभी तक इसकी शिकायत हमारे यहां तक नहीं आई है। अगर शिकायत आती हैं तो इसकी जांच कराई जाएगी। जांच में जो दोषी मिलेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।''

-एके माथुर, डिस्टिलरी मैनेजर उत्तर प्रदेश शासन।

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