सावधानी सबके लिए जरूरी, बच्चों का रखें विशेष ध्यान
-मौसम -सुबह-शाम ठंड और दोपहर की धूप किसी पर पड़ सकती है भारी -सड़क पर टहलने
-मौसम :::
-सुबह-शाम ठंड और दोपहर की धूप किसी पर पड़ सकती है भारी
-सड़क पर टहलने की बजाय घर की छत हो सकती है सुरक्षित
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : नवंबर के आखिरी सप्ताह में मौसम का मिजाज बदलने लगा है। सुबह और शाम के बाद ठंड और दोपहर में धूप बीमारियों का कारण बन सकती है। ठंड का अहसास बच्चों और युवाओं को तो नहीं, लेकिन मौसम का उतार-चढ़ाव सब पर भारी पड़ सकता है।कारण कि बच्चों को ठंड का अहसास तो नहीं होता, लेकिन असर जरूर होता है। चिकित्सकों का कहना है सावधानी सबके लिए जरूरी है, लेकिन बच्चों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। बच्चों को हर वक्त पूरा कपड़ा पहनाएं और ध्यान रखें कि पानी में ज्यादा देर तक न रहें। हल्की सी भी सर्दी हो, तो तुरंत डाक्टर से मिलें, क्योंकि यही सर्दी निमोनिया का कारण बन सकती है।
आबोहवा खराब होने के संकेत मिलने शुरू हो गए हैं। बुधवार को एक्यूआइ 258 पर पहुंच गया। अधिकतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस, तो न्यूनतम तापमान 13 डिग्री सेल्सियस रहा। आर्द्रता 30 फीसद तो ²श्यता 10 किमी तक जा सिमटी। पछुआ हवा की गति दो से 10 किमी घंटे रही।
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फोटो-16--बच्चों की सेहत के लिए हर पल रखें नजर
आजमगढ़: बाल रोग विशेषज्ञ डा. आनंद सिंह ने कहा कि बदलते मौसम में बुर्जुग और बच्चों के प्रति सावधानी बरतें, जिससे उन्हें ठंड से होने वाली बीमारी से बचाया जा सके।बच्चों पर नजर रखना ज्यादा जरूरी है, क्योंकि बच्चों को पानी से प्यार होता है।इस कारण कभी-कभी उनके कपड़े भींग जाते हैं और वही उन्हें बीमार करने के लिए काफी होता है।बच्चों में होने वाली बीमारी निमोनिया, डायरिया, कफ के साथ जकड़न और बुखार, सांस फूलना जैसी बीमारी हो सकती है। इससे बचाव के लिए गर्म कपड़ों का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करना चाहिए। ठंडी चीजों से परहेज के साथ ज्यादा ठंड होने पर गर्म पानी का इस्तेमाल करना चाहिए। बच्चों के प्रति उनके माता-पिता को ध्यान देना चाहिए। अगर बच्चे पानी में खेलकर कपड़ा गीला करते हैं, तो उसे तुरंत बदल देना चाहिए। बच्चों में ठंड की वजह से किसी प्रकार की बीमारी के लक्षण दिखाई दें तेा उनको नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर डाक्टर से उचित सलाह लेनी चाहिए।